https://cdnjs.cloudflare.com/ajax/libs/font-awesome/4.7.0/css/font-awesome.min.css

Tuesday, March 1, 2022

1 मार्च 2022 : नागरिक लेखा दिवस

 नागरिक लेखा दिवस

(Civil Accounts Day)

आज का दिन : 1 मार्च 2022

  • देश में प्रतिवर्ष 1 मार्च को नागरिक लेखा दिवस यानी सिविल अकाउंट्स डे मनाया जाता है।
  • भारतीय सिविल लेखा सेवा (Indian Civil Accounts Service-ICAS) की ओर से यह दिवस मनाया जाता है।
  • केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में वर्ष 1976 में व्यापक सुधारों की शुरुआत की। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को केंद्र सरकार के खाते तैयार करने की जिम्मेदारी देकर लेखा परीक्षा और लेखा कार्यों को अलग कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय नागरिक लेखा सेवा (आईसीएएस) की स्थापना हुई। आईसीएएस को शुरुआत में सी एंड एजी (कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा की शर्तों) संशोधन अधिनियम, 1976 को संशोधित करने वाले एक अध्यादेश के माध्यम से भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा (इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस) से लिया गया था। इसके बाद केंद्रीय लेखा (कार्मिक स्थानांतरण) अधिनियम, 1976 के विभागीयकरण को संसद द्वारा अधिनियमित किया गया और 8 अप्रैल 1976 को राष्ट्रपति ने इसे स्वीकृति प्रदान की थी। इस अधिनियम को 1 मार्च, 1976 से प्रभावी माना गया था। यही वजह है कि आईसीएएस हर साल 1 मार्च के दिन को 'नागरिक लेखा दिवस' के रूप में मनाता है।
  • भारतीय नागरिक लेखा सेवा, पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली) के विकास और प्रबन्धन सहित डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में सुधारों का नेतृत्व कर रहा है। पीएफएमएस एकीकृत और एकमात्र आईटी प्लेटफ़ॉर्म है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार से संबंधित भुगतान और लेखा कार्य किए जाते हैं।
  • कोविड महामारी के दौरान धन का निर्बाध प्रवाह, न केवल चिकित्सा और कानूनों का पालन करवाने जैसी आवश्यक सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए ज़रूरी था, बल्कि अर्थव्यवस्था को निरंतर गति से आगे बढ़ाने के लिए भी ज़रूरी था, क्योंकि मांग और खपत के बीच असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई थी।
  • भारतीय नागरिक लेखा संगठन ने बिलों और दावों के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यय के पहिये को निरंतर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

 

शून्य भेदभाव दिवस

(Zero Discrimination Day)


  • संयुक्त राष्ट्र के यूएनएड्स द्वारा प्रतिवर्ष 1 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मनाने की घोषणा दिसंबर, 2013 में विश्व एड्स दिवस पर की गई और वर्ष 2014 के 1 मार्च को पहला 'शून्य भेदभाव दिवस' मनाया गया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उम्र, लिंग, राष्ट्रीयता, जातीयता, रंग आदि सभी भेदभावों को दरकिनार कर सभी को समान अधिकारों की पैरवी करना है। शून्य भेदभाव दिवस का प्रतीक तितली को चुना गया है।


*शून्य भेदभाव दिवस-2022 का विषय/थीम*

Remove laws that harm, create laws that empower