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Monday, December 23, 2019

करेंट अफेयर्स 2019 : जयपुर के वाल्मीकि नगर में प्रदेश के पहले जनता क्लिनिक का शुभारंभ

घटना दिनांक : 18 दिसंबर, 2019
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 18 दिसंबर, 2019 को राजधानी जयपुर के वाल्मीकि नगर में प्रदेश के पहले जनता क्लिनिक का शुभारंभ किया।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बीमारियों के इलाज में लोगों का बहुत पैसा खर्च होता है। गरीब लोग तो पैसे के अभाव में इलाज ही नहीं करा पाते। लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधाएं उनके घर के नजदीक ही मिल सकें, इसके लिए राज्य सरकार जनता क्लिनिक खोल रही है।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि गरीब आदमी के दरवाजे तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण पहल की है। इससे सवाई मानसिंह अस्पताल पर मरीजों का दबाव कम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में जयपुर में 12 तथा जोधपुर में 3 जनता क्लिनिक की शुरूआत की जा रही है।

संबंधित प्रश्न

प्रश्न 1. : राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश में 18 दिसंबर, 2019 से जनता क्लिनिक की शुरुआत कहां से की गई?
(अ) जयपुर
(ब) जोधपुर
(स) अजमेर
(द) कोटा
सही उत्तर : (अ) जयपुर

प्रश्न 2. : राजस्थान सरकार की ओर से 18 दिसंबर, 2019 शुरू की जनता क्लिनिक के प्रथम चरण में कौनसे जिले शामिल किए गए हैं?
(अ) अजमेर, जयपुर
(ब) जयपुर, जोधपुर
(स) जयपुर, कोटा
(द) जयपुर, भरतपुर
सही उत्तर : (ब) जयपुर, जोधपुर

राजस्थान के प्रमुख क्षेत्रों के भौगोलिक/प्राचीन उपनाम व आधुनिक नाम

राजस्थान की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के प्राचीन भौगोलिक नामों व उनके आधुनिक नाम संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं। राजस्थान के प्रमुख क्षेत्रों के भौगोलिक/प्राचीन उपनाम व आधुनिक नाम इस प्रकार हैं-
प्राचीन नामवर्तमान क्षेत्र
मारवाड़जोधपुर
मेदपाट (मेवाड़)उदयपुर
ढंूढाड़जयपुर व दौसा का इलाका
अजयमेरुअजमेर
कांठल प्रतापगढ़
हाडोतीकोटा व बूंदी
मरुमरुस्थलीय प्रदेश
अहिच्छत्रपुरनागौर
जांगल पदेशबीकानेर व जोधपुर का उत्तरी भाग
मेरुअरावली पर्वतीय प्रदेश
मालदक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश
मत्स्य प्रदेशअलवर,भरतपुर,करौली
माड़जैसलमेर
मध्यमिकाचित्तौडगढ़़
साल्व प्रदेशअलवर का इलाका
अर्बुद प्रदेशसिरोही
गुर्जरत्राजोधपुर का दक्षिणी भाग
मेवलडूंगरपुर-बांसवाड़ा का मध्य भाग
गोंडवाड़ाजालोर व पाली का कुछ क्षेत्र
श्रीमालबाड़मेर
श्रीपंथबयाना
यौधेयश्रीगंगानगर
कोठीधौलपुर
ब्रजनगरझालरापाटन
गोपालपालकरौली
सत्यपुरसांचोर
भटनेरहनुमानगढ़





Sunday, December 22, 2019

करेंट अफेयर्स 2019 : महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'आई एम शक्ति' का शुभारम्भ

घटना दिनांक : 18 दिसंबर, 2019
  • राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 18 दिसंबर, 2019 को 1000 करोड़ की इंदिरा महिला शक्ति (आई एम शक्ति) निधि की योजनाओं का शुभारम्भ किया।
  • आई एम शक्ति पहल महिलाओं को सशक्त एवं आत्मर्भिर बनाने के लिए शुरू की गई है।
  • वर्ष 2019-20 के बजट में आई एम शक्ति की घोषणा की गई थी। इसके तहत सरकार ने प्रतिवर्ष 200 करोड़ रूपए यानी कुल पांच वर्ष के लिए एक हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।
  • आई एम शक्ति निधि से उद्यम के लिए ऋण अनुदान के तहत पांच हजार महिला स्वयं सहायता समूहों यानी इससे जुड़ी करीब 50 हजार महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा।

संबंधित प्रश्न

महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इंदिरा महिला शक्ति (आई एम शक्ति) निधि के तहत पांच वर्ष के लिए कुल कितने रुपए का प्रावधान किया गया है?
(अ) 500 करोड़
(ब) 1000 करोड़
(स) 1500 करोड़
(द) 2000 करोड़
सही उत्तर : (ब) 1000 करोड़

Thursday, December 19, 2019

करेंट अफेयर्स 2019 : बीकानेर के डॉ. नंदकिशोर आचार्य को हिंदी के लिए और हनुमानगढ़ के रामस्वरूप किसान को राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार-2019 देने की घोषणा

घटना दिनांक : 18 दिसंबर, 2019
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार-2019 के लिए दो राजस्थानियों बीकानेर के डॉ. नंदकिशोर आचार्य व हनुमानगढ़ के रामस्वरूप किसान का चयन किया गया है।
  • बीकानेर के डॉ. नंदकिशोर आचार्य को उनके कविता संग्रह 'छीलते हुए अपने को' के लिए हिंदी भाषा का साहित्य अकादमी पुरस्कार-2019 प्रदान किया जाएगा। 1955 से शुरू साहित्य अकादमी पुरस्कार को पहली बार किसी राजस्थानी ने हिंदी भाषा में जीता।
  • हनुमानगढ़ के रामस्वरूप किसान को लघुकथा श्रेणी में उनकी कृति 'बारीक बात' के लिए राजस्थानी भाषा का साहित्य अकादमी पुरस्कार-2019 प्रदान किया जाएगा।

डॉ. नंदकिशोर आचार्य

  • गांधीवादी विचारक डॉ. नंदकिशोर आचार्य नाटककार और कवि हैं। उनका महात्मा गांधी पर लिखा नाटक 'बापू' को काफी प्रशंसा प्राप्त हुई।
  • डॉ. नंदकिशोर आचार्य का पुरस्कृत कविता संग्रह  'छीलते हुए अपने को' वर्ष 2013 में प्रकाशित हुआ था।
  • डॉ. नंदकिशोर आचार्य का जन्म राजस्थान के बीकानेर में 31 अगस्त 1945  को हुआ।
  • 'अहिंसा का विश्वकोश' लिख चुके डॉ. नंदकिशोर आचार्य को हाल ही में जयपुर की प्राकृत भारती ने 'अहिंसा शांति ग्रंथमाला' के संपादक की जिम्मेदारी सौंपी है। इस महत्वपूर्ण ग्रंथमाला में दुनिया में शांति और अहिंसा को बढ़ावा देने वाले लेखकों-विचारकों की पुस्तकें प्रकाशित होंगी।
  • डॉ. आचार्य को मीरा पुरस्कार, बिहारी पुरस्कार, भुवनेश्वर पुरस्कार, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार आदि पुरस्कार मिल चुके हैं।

डॉ. नंदकिशोर आचार्य की प्रमुख कृतियां

  • कविता संग्रह : छीलते हुए अपने को, जल है जहाँ, शब्द भूले हुए, वह एक समुद्र था, आती है जैसे मृत्यु, कविता में नहीं है जो, रेत राग, अन्य होते हुए, चाँद आकाश गाता है, उडऩा संभव करता आकाश, गाना चाहता पतझड़, केवल एक पत्ती ने, चौथा सप्तक
  • नाटक : देहांतर, पागलघर, गुलाम बादशाह (सभी नाटक संग्रह)
  • आलोचना : रचना का सच, सर्जक का मन, अनुभव का भव, अज्ञेय की काव्या-तिर्तीर्ष, साहित्य का स्वभाव तथा साहित्य का अध्यात्म
  • अन्य : कल्चरल पॉलिटी ऑफ हिंदूज, दि पॉलिटी इन शुक्रिनीतिसार (शोध), संस्कृति का व्याकरण, परंपरा और परिवर्तन, आधुनिक विचार और शिक्षा, मानवाधिकार के तकाजे, संस्कृति की सामाजिकी, सत्याग्रह की संस्कृति, सभ्यता का विकल्प
  • अनुवाद : सुनते हुए बारिश (जापानी जेन कवि रियोकान), नवमानववाद (एम.एन. राय : न्यू : ह्यूमनिज्म), विज्ञान और दर्शन (एम.एन. राय : साइंस एंड फिलॉसॉफी) के अतिरिक्त जोसेफ  ब्रॉद स्कीम, ब्लादिमिर होलन, लोर्का तथा आधुनिक अरबी कविताओं का भी बड़ी संख्या में हिंदी में अनुवाद।

रामस्वरूप किसान

  • रामस्वरूप किसान का जन्म 14 अगस्त 1952 को परलीका, तहसील नोहर, जिला हनुमानगढ़, राजस्थान में हुआ। 
  • मूलत: कथाकार रामस्वरूप का उपनाम किसान है। किसान की अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से प्रमुख हैं- बारीक बात (लघुकथा संग्रह) हिवड़ै उपजी पीड़ (दोहा-सतसई), कूक्यौ घणौं कबीर (सोरठा), सपनै रौ सपनौ (लघुकथा संग्रह), हाडाखोड़ी (कहाणी संग्रह), गांव की गली-गली (हिन्दी की लम्बी कविता), राणी कणेर (अनुवाद), आ बैठ बात करां (कविता संग्रह), जीवन तो यहां है (हिन्दी कविता संग्रह), डांखळा संग्रह। 
  • किसान को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार, राजस्थानी भाषा-साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा पुरस्कार व कथा-दिल्ली का कथा पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं।

राजस्थान में प्रथम

राजस्थान में प्रथम रही हस्तियों की सूची

राजस्थान की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों के पदों पर प्रथम रही हस्तियों के संबंध में प्रश्न पूछे जाते हैं। राजस्थान में प्रथम रही हस्तियों की सूची इस प्रकार है-

पद/क्षेत्रनाम
प्रथम महाराजा प्रमुख महाराणा भूपाल सिंह (उदयपुर)
प्रथम राज प्रमुख सवाई मानसिंह (जयपुर)
प्रथम मुख्यमंत्री (मनोनीत) हीरालाल शास्त्री
प्रथम मुख्यमंत्री (निर्वाचित)टीकाराम पालीवाल
सबसे अधिक कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रीमोहनलाल सुखाडिय़ा (4 बार)
पहले दलित मुख्यमंत्रीजगन्नाथ पहाडिय़ा
पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रीभैंरोसिंह शेखावत
प्रथम महिला मुख्यमंत्रीवसुंधरा राजे
प्रथम महिला उप मुख्यमंत्रीकमला बेनीवाल
प्रथम महिला मंत्रीकमला बेनीवाल (सुखाडिय़ा मंत्रिमण्डल में उप मंत्री)
प्रथम राज्यपालसरदार गुरुमुख निहालसिंह
प्रथम महिला राज्यपालप्रतिभा पाटील
विधानसभा में प्रतिपक्ष के प्रथम नेताकुंवर जसवंत सिंह (बीकानेर)
प्रथम विधानसभाध्यक्षनरोत्तमलाल जोशी
प्रथम विधानसभा उपाध्यक्षलालसिंह शक्तावत
प्र्रथम महिला विधानसभाध्यक्षसुमित्रा सिंह
विधानसभा में प्रथम मुख्य सचेतकमथुरादास माथुर
प्रथम महिला विधायकयशोदा देवी
प्रथम जिला प्रमुखचौधरी लिखमाराम
प्रथम मुख्य सचिवके. राधाकृष्णन
प्रथम महिला मुख्य सचिवकुशल सिंह
प्रथम मुख्य न्यायाधीशकमलकान्त वर्मा
पहली महिला जिला कलेक्टरओटिमा बोर्डिया
प्रथम पुलिस महानिरीक्षकपी. बनर्जी
प्रथम पुलिस महानिदेशकरघुनाथ सिंह
राज्य वित्त आयोग के प्रथम अध्यक्षकृष्ण कुमार गोयल
मानवाधिकार आयोग की प्रथम अध्यक्षकांता भटनागर
राज्य महिला आयोग की प्रथम अध्यक्षकान्ता कथूरिया
राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्षमुख्य न्यायाधीश सर एस.के. घोष (कार्यवाहक)
राजस्थान की प्रथम महिला पायलटनम्रता भट्ट
राजस्थान की प्रथम महिला फ्लाईंग ऑफिसरनिवेदिता

Wednesday, December 18, 2019

राजस्थान करेंट अफेयर्स 2019 : राज्य में भारत इन्टीग्रेशन मिशन (भीम) के अन्तर्गत आयोजित होंगे कार्यक्रम

rajasthan samanay gyan, bharat integreted-mission
  • राज्य सरकार ने राज्य में भारत इन्टीग्रेशन मिशन (भीम) जारी किया है। इसके तहत जारी निर्देशों के अनुसार संविधान दिवस, 26 नवम्बर से भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती 14 अप्रेल, 2020 तक प्रदेश में होने वाले विभिन्न आयोजन भारत इन्टीग्रेशन मिशन अर्थात 'भीम' के अन्तर्गत होंगे।
  • भीम के अंतर्गत होने वाले आयोजनों में 12 जनवरी, 2020 को  स्वामी विवेकानन्द जयन्ती (राष्ट्रीय युवा दिवस), 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस, 30 जनवरी को शहीद दिवस, 13 फरवरी, 2020 को सरोजनी नायडू का जन्म दिवस (राष्ट्रीय महिला दिवस), 8 मार्च 2020 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 30 मार्च, 2020 को राजस्थान दिवस एवं 14 अप्रेल, 2020 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती शामिल है।
  • भारत इन्टीग्रेशन मिशन (भीम) के अन्तर्गत आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों के लिए पत्राचार करते समय 'भीम' लोगो का उपयोग अनिवार्य किया गया है।

संबंधित प्रश्न

राजस्थान सरकार द्वारा जारी भारत इन्टीग्रेशन मिशन (भीम) की शुरुआत कब की गई?
(अ) 25 नवंबर, 2019
(ब) 26 नवंबर, 2019
(स) 27 नवंबर, 2019
(द) 28 नवंबर, 2019
सही उत्तर : ब (26 नवंबर, 2019)

राजस्थान करेंट अफेयर्स 2019 : सैनिक स्कूल चित्तौडगढ़़ में पहली बार बालिकाओं की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार ने मंजूर किए 12 करोड़ रुपए

  • राजस्थान सरकार ने सैनिक स्कूल चित्तौडगढ़़ में लड़कियों को प्रवेश देने के लिए 12 करोड़ की मंजूरी दी है।
  • सैनिक स्कूल सोसायटी ने राज्य सरकार की अभिशंषा पर स्कूल में आदर्श छात्र संख्या 600 से बढ़ाकर 700 कर दी और कुल सीटों का 13 प्रतिशत यानि 91 सीटें लड़कियों के लिए रखी हैं।
  • गौरतलब है कि सैनिक स्कूल में लड़कियों की पढ़ाई पर होने वाले सभी खर्चों और  सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का है। वित्त विभाग ने भी प्रदेश के सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश पर होने वाले अनावर्तक एवं आवर्तक व्यय के लिए सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है।

संबंधित प्रश्न

सैनिक स्कूल चित्तौडगढ़़ में 13 प्रतिशत सीटें (91 सीटें) बालिकाओं के लिए रखी गई हैं। बालिकाओं की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार ने कितना फंड मंजूर किया है? 
(अ) 9 करोड़ रुपए
(ब) 10 करोड़ रुपए
(स) 11 करोड़ रुपए
(द) 12 करोड़ रुपए
सही उत्तर : द (12 करोड़ रुपए)

राजस्थान करेंट अफेयर्स 2019 : राजस्थान सरकार एवं पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप के साथ हुआ एमओयू

  • स्कूली बस्ते का बोझ कम करने के लिए राजस्थान सरकार और पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप में (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेडिंग) एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
  • यह एमओयू झुंझुनूं जिले को 'इनोवेशन हब फॉर एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन' किए जाने के लिए किया गया है।
  • शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां पर बस्ते के बोझ को कम करने की पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत जयपुर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए राज्य के सभी 33 जिलों के एक-एक स्कूल में बस्ते के बोझ को कम करने के प्रयास के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि अगले वर्ष कक्षा एक से पांच तक के अंतर्गत राज्य के 65 हजार विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करने की परियोजना को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए।
  • पीरामल फाउण्डेशन की ओर से बस्ते का बोझ कम करने की रिपोर्ट के लोकार्पण किया गया।

संबंधित प्रश्न

प्रश्न 1. स्कूली बस्ते का बोझ कम करने के लिए राजस्थान सरकार और पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप में हुए एमओयू के अनुसार किस जिले को 'इनोवेशन हब फॉर एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन' किया जाएगा?
(अ) झुंझुनूं
(ब) दौसा
(स) जयपुर
(द) जोधपुर
सही उत्तर : अ (झुंझुनूं)

प्रश्न 2. प्रदेश में स्कूली बस्ते का वजन कम करने के लिए राजस्थान सरकार ने किसके साथ एमओयू किया है?
(अ) सेव चिल्ड्रन
(ब) आर्गनाइजेशन फॉर अरली लिटरेरी प्रमोशन
(स) पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप
(द) बिरला एजुकेशन ट्रस्ट
सही उत्तर : स (पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप)

Tuesday, December 17, 2019

राजस्थान: एक दृष्टि में

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राजस्थान के बारे में उपयोगी जानकारी इस प्रकार है-

विवरणफैक्ट
भौगोलिक स्थिति23º30' एवं 30º12' उत्तरी अक्षांश 69º30' एवं 78º17' पूर्वी देशान्तर के मध्य
क्षेत्रफल3,42,239 वर्ग किलोमीटर (देश के भौगोलिक क्षेत्र का 10.4 प्रतिशत, भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य)
सबसे कम क्षेत्रफल वाला जिलाधौलपुर (3033 वर्ग किलोमीटर)
सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला जिलाजैसलमेर (38401 वर्ग किलोमीटर)
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगने वाले जिले1070 किलोमीटर, 4 जिले (बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर एवं श्रीगंगानगर)
कुल जनसंख्या (15वीं जनगणना-2011 के अनुसार)6,85,48,437 (भारत की जनसंख्या का 5.66 प्रतिशत, देश में 8वाँ स्थान)
शहरी क्षेत्र की जनसंख्या1,70,48,085 (राज्य की जनसंख्या का 24.9 प्रतिशत)
ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या5,15,00,352 (राज्य की जनसंख्या का 75.1 प्रतिशत)
पुरूष3,55,50,997
महिला3,29,97,440
सबसे कम जनसंख्या वाला जिलाजैसलमेर (6,69,919)
सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिलाजयपुर (66,26,178)
0-6 वर्ष तक आयु वर्ग की जनसंख्या1,06,49,504 (राज्य की जनसंख्या का 15.5 प्रतिशत)
बालक56,39,176
बालिका50,10,328
जनसंख्या में दशक वृद्धि दर (2001-2011)21.3 प्रतिशत
सबसे कम दशक वृद्धि वाला जिलाश्रीगंगानगर (10.0 प्रतिशत)
सबसे अधिक दशक वृद्धि वाला जिलाबाड़मेर (32.5 प्रतिशत)
जनसंख्या घनत्व200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
सबसे कम घनत्व वाला जिलाजैसलमेर (17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर)
सबसे अधिक घनत्व वाला जिलाजयपुर (595 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर)
स्त्री पुरुष अनुपात928 स्त्रियां प्रति एक हजार पुरूष
न्यूनतम स्त्री पुरुष अनुपात वाला जिलाधौलपुर (846)
सर्वाधिक स्त्री पुरुष अनुपात वाला जिलाडूंगरपुर (994)
0-6 वर्ष तक की आयु वर्ग की बालिकाओं एवं बालकों का अनुपात888 बालिका प्रति एक हजार बालक
न्यूनतम अनुपात वाला जिलाझुंझुनूं (837 बालिका प्रति एक हजार बालक)
सर्वाधिक अनुपात वाला जिलाबांसवाड़ा (934 बालिका प्रति एक हजार बालक)
जयपुर जिले का अनुपात861 बालिका प्रति एक हजार बालक
**जनसंख्या संबंधी सभी आंकड़े वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हैं।






राजस्थान करेंट अफेयर्स 2019 : जैसलमेर के पोकरण में मरुगंधा परियोजना का शुभारंभ

  • निजी क्षेत्र की बैंक एचडीएफसी और उरमूल ट्रस्ट बीकानेर के सहयोग से जैसलमेर जिले के पोकरण में 'मरुगंधा परियोजना' का शुभारंभ अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद ने किया।
  • मरुगंधा परियोजना के अंतर्गत पोकरण क्षेत्र की 5 ग्राम पंचायतों के 14 गांवों में विभिन्न गतिविधियों का व्यापक क्रियान्वयन किया जाएगा।
  • उरमूल सचिव अरविन्द ओझा ने परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि एचडीएफसी बैंक और उरमूल ने पिछले 10 माह में परियोजना क्षेत्र मेें विभिन्न नाडिय़ों की खुदाई, टांकों का पुनरूद्धार, बुनाई, कटाई प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह का विकास, बागवानी प्रशिक्षण के साथ किशोरी बालिकाओं के लिये विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण और सेनेटरी नेपकीन डिस्पेसर मशीन लगाने जैसे बहुपयोगी कार्य किये हैं।

संबंधित प्रश्न

एचडीएफसी और उरमूल ट्रस्ट बीकानेर के सहयोग से 'मरुगंधा परियोजना' का शुभारंभ कहां किया गया है?
(अ) खण्डेला (सीकर)
(ब) लूणी (जोधपुर)
(स) पोकरण (जैसलमेर)
(द) खाजूवाला (बीकानेर)
सही उत्तर : स (पोकरण [जैसलमेर])

राजस्थान करेंट अफेयर्स 2019 : नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल 'आदि महोत्सव' का जयपुर में 1 से 15 दिसंबर तक आयोजन

  • केन्द्रीय जनजातीय विभाग और द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) की ओर से जयपुर में 15 दिवसीय नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल- आदि महोत्सव का आयोजन किया गया।
  • आदि महोत्सव फेस्टिवल 1 से 15 दिसंबर, 2019 तक जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में आयोजित किया गया।
  • आदि महोत्सव में 23 राज्यों के लगभग 250 आर्टिजन ने हिस्सा लिया है जिनके हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रदर्शनी में बिक्री के लिए रखा गया था।
  • आदि महोत्सव में जनजातियों द्वारा निर्मित ट्राइबल रेडीमेड गारमेंट्स, घरेलू सजावटी सामान, ट्राइबल पेंटिंग्स, ट्राइबल ज्वैलरी, बेंत व बांस के सजावटी सामान व वस्तुएं, ब्लू पॉटरी, वूलन आईटम्स, नेचुरल व ओर्गेनिक खाद्य सामग्री आकर्षण का केन्द्र रहे। महोत्सव में लद्दाख से आए आर्टिजन्स द्वारा निर्मित पश्मीना विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। इसके अतिरिक्त नॉर्थ ईस्ट से आए आदिवासियों द्वारा बनाए गए वूलन गार्मेन्ट भी लोगों द्वारा खासे पसंद किए गए। 
  • आदि महोत्सव में बाड़मेर की प्रख्यात डिजाइनर रूमा देवी द्वारा डिजाइन किए हुए होम फर्नीशिंग तथा गारमेन्ट्स भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बने।

संबंधित प्रश्न

केन्द्रीय जनजातीय विभाग और द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) की ओर से नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल 'आदि महोत्सव' का आयोजन कहां किया गया?
(अ) बाड़मेर
(ब) जोधपुर
(स) जयपुर
(द) बीकानेर
सही उत्तर : स (जयपुर)

सात चरणों में हुआ वर्तमान राजस्थान का गठन

राजस्थान का वर्तमान स्वरूप सात चरणों की प्रक्रिया पूर्ण हाने के बाद 30 मार्च, 1949 को बना, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है:-

पहला चरण : मत्स्य संघ- 18 मार्च, 1948

प्रथम महत्त्वपूर्ण चरण में 27 फरवरी, 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली की रियासतों का विलीनीकरण कर 18 मार्च, 1948 को 'मत्स्य संघ' का निर्माण हुआ। जिसका नाम कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुंशी के सुझाव पर 'मत्स्य' रखा गया। इसका उद्घाटन तत्कालीन केन्द्रीय खनिज एवं विद्युत मंत्री नरहरि विष्णु गाडगिल ने किया।

दूसरा चरण : राजस्थान संघ-25 मार्च, 1948

एकीकरण के दूसरे महत्त्वपूर्ण चरण में 25 मार्च, 1948 को कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, किशनगढ़, टोंक, कुशलगढ़ (चीफशिप्स) और शाहपुरा रियासतों को मिलाकर 'राजस्थान संघ' का निर्माण किया गया। इसका उद्घाटन भी नरहरि विष्णु गाडगिल ने ही किया।

तीसरा चरण : संयुक्त राजस्थान-18 अप्रेल, 1948

तीसरे चरण में 18 अप्रेल, 1948 को उदयपुर रियासत का राजस्थान संघ में विलीनीकरण होने पर 'संयुक्त राजस्थान' का निर्माण हुआ। इसका उद्घाटन इसी दिन उदयपुर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने किया। वस्तुत: वर्तमान राजस्थान का स्वरूप इसी समय बना और यहीं से इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

चौथा चरण : वृहद् राजस्थान- 30 मार्च, 1949

चौथे चरण में 14 जनवरी, 1949 को उदयपुर की एक सार्वजनिक सभा में सरदार पटेल ने जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, लावा (चीफशिप्स) और जैसलमेर रियासतों के वृहद् राजस्थान में सैद्धांतिक रूप से सम्मिलित होने की घोषणा की। इस निर्णय को मूर्त रूप देने के लिए सरदार पटेल ने 30 मार्च, 1949 को जयपुर में आयोजित एक समारोह में वृहद् राजस्थान का उद्घाटन किया।

पांचवां चरण : संयुक्त वृहद् राजस्थान (मत्स्य का विलय)- 15 मई, 1949

1 मई, 1949 को भारत सरकार ने मत्स्य संघ को वृहद् राजस्थान में मिलाने के लिए विज्ञप्ति जारी की और 15 मई, 1949 को मत्स्य संघ वृहद् राजस्थान का अंग बन गया। साथ ही नीमराना (चीफशिप्स) को भी इसमें शामिल कर लिया गया।

छठा चरण : राजस्थान (सिरोही का विलय)- 7 फरवरी, 1950

संयुक्त वृहद् राजस्थान सिरोही के विलय के प्रश्न पर राजस्थान एवं गुजरात नेताओं के मध्य काफी मतभेद थे। अत: 26 जनवरी, 1950 में सिरोही का विभाजन करने और आबू व देलवाड़ा तहसीलों को बम्बई प्रान्त और शेष भाग को राजस्थान में मिलाने का फैसला लिया गया। इसकी क्रियान्विति 7 फरवरी, 1950 को हुई। लेकिन आबू व देलवाड़ा को बम्बई प्रान्त में मिलाने के कारण राजस्थानवासियों में व्यापक प्रतिक्रिया हुई, जिससे 6 वर्ष बाद राज्यों के पुनर्गठन के समय इन्हें वापस राजस्थान को देना पड़ा।

सातवां चरण : वर्तमान राजस्थान (अजमेर का विलय)- 1 नवम्बर, 1956

भारत सरकार द्वारा फजल अली की अध्यक्षता में गठित राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1 नवम्बर, 1956 को तत्कालीन अजमेर मेरवाड़ा राज्य का भी राजस्थान में विलय कर दिया गया।
इसी के साथ मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मानपुरा तहसील का ग्राम 'सुनेलटप्पा' राजस्थान में शामिल किया गया जबकि राजस्थान के झालावाड जिले का ग्राम 'सिरोंज' मध्यप्रदेश को स्थानान्तरित किया गया।

19 देशी रियासतें और 3 चीफशिप्स

इस प्रकार वर्तमान राजस्थान के निर्माण की प्रक्रिया सात चरणों में समाप्त हुई और 19 देशी रियासतों और 3 चीफशिप्स वाले क्षेत्रों की जनता राजतंत्र से मुक्त होकर लोकतंत्र की मुख्यधारा में शामिल हुई।

जयपुर बनी राजधानी

भारत सरकार द्वारा गठित राव समिति की सिफारिशों के आधार पर 7 सितम्बर, 1949 को जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी बनीं।