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Tuesday, July 13, 2021

राजस्थान सामान्य ज्ञान-14

राजस्थान के इतिहास, संस्कृति आदि विषयों से संबंधित सामान्य ज्ञान फैक्ट

 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-261. जयगढ़ दुर्ग जयपुर में स्थित है। इस दुर्ग का निर्माण सन् 1600 ई. में राजा मानसिंह ने इस दुर्ग का निर्माण करवाया था। इस दुर्ग में तोप ढालने का कारखाना भी स्थापित किया गया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-262. मेहरानगढ़ दुर्ग यह दुर्ग जोधपुर में स्थित है। प्रसिद्ध विदेशी लेखक लॉर्ड किपलिंग ने इस दुर्ग के निर्माण को परियों व देवताओं द्वारा निर्माण की संज्ञा दी है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-263. शैव संप्रदाय : भगवान शिव की आराधना करने वाले शैव कहलाते हैं। शैव मत के कापालिक एवं पाशुपात संप्रदायों का राजस्थान में सर्वाधिक विस्तार हुआ है। कापालिक संप्रदाय में भैरव की पूजा शिव के अवतार के रूप में की जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-264. रासो : ये काव्य ग्रंथ हैं, जिनमें राजाओं की प्रशंसा, उनके युद्ध अभियानों व वीरतापूर्ण उपलब्धियों के विवरण के साथ-साथ उनके राजवंश का विवरण भी मिलता है। रासो ग्रंथ के रूप में बीसलदेव रासो, पृथ्वीराज रासो आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-265. तराइन का प्रथम युद्ध : इस युद्ध की शुरूआत 1191 ई. में हुई थी। जिसमें पृथ्वीराज चौहान (तृतीय) व मोहम्मद गौरी के मध्य करनाल (हरियाणा) के पास तराइन में युद्ध हुआ। जिसमें मोहम्मद गौरी पराजित हुआ था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-266. जखरान : यह बकरियों की एक प्रसिद्ध नस्ल है। इसे अलवरी नस्ल भी कहा जाता है। यह अलवर जिले में मिलती है।  बहरोड़ का इकराना जखरान नस्ल की बकरियों का मूल स्थान है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-267. मालाणी नस्ल के अश्व (घोड़े) घुड़दौड़ के लिए प्रसिद्ध हैं। घोड़ों की यह नस्ल बाड़मेर जिले का सिवाणा व गुढ़ामालानी क्षेत्र में पाई जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-268. साबी नदी : यह नदी जयपुर की सेवर की पहाडिय़ों से निकलती है। इसके बाद अलवर जिले में बहते हुए हरियाणा में पाटौदी (गुडग़ांव) के उत्तर में विलीन हो जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-269. मेवाड़ प्रजामंडल : माणिक्य लाल वर्मा के प्रयासों से बलवंत सिंह मेहता की अध्यक्षता में 24 अप्रेल, 1938 को मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना की गई। इसके उपाध्यक्ष भूरेलाल बया को बनाया गया।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-270. कंपनी बाग अलवर में है। इसे शिमला (दुर्जन विहार) उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। इस सुरम्य सार्वजनिक उद्यान का निर्माण 1868 ई. में अलवर महाराजा श्योदान सिंह ने करवाया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-271. वैष्णव संप्रदाय : राजस्थान में वैष्णव धर्म (संप्रदाय) का सर्वप्रथम उल्लेख ई.पू. द्वितीय शताब्दी के घोसुण्डी अभिलेख में मिलता है। वैष्णव संप्रदाय के लोग भगवान विष्णु को आराध्य मानकर विविध रूपों में पूजा करते हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-272. सूरज प्रकाश ग्रंथ की रचना कवि करणीदान ने की थी। 'सूरज प्रकाशÓ चारण साहित्य परंपरा का एक महत्वपूर्ण काव्य ग्रंथ है। करणीदान जोधपुर के महाराजा अभयसिंह के दरबारी कवि थे।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-273. श्रावणी तीज (श्रावण शुक्ल तृतीया) को राजस्थानी संस्कृति का प्रतीक और हिन्दी माह के अनुसार त्यौहारों की शुरुआत कहा गया है। पूरे राजस्थान में इसे धूम-धाम से मनाया जाता है। राजधानी जयपुर में तीज के त्योहार पर तीज माता का मेला भरता है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस साल यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। इस तीज को छोटी तीज भी कहा जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-274. कल्याणजी मंदिर (श्रीजी) टोंक जिले के डिग्गी में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ के महाराणा संग्रामसिंह के शासनकाल में हुआ। यहां भगवान विष्णु की चतुर्भुज प्रतिमा है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-275. जवाहर सागर अभयारण्य कोटा, बूंदी में स्थित है। यह एक जलीय अभयारण्य है। इसकी स्थापना सन् 1975 में की गई। अभयारण्य का प्रमुख उद्देश्य घडिय़ालों का संरक्षण व मगरमच्छों का प्रजनन विकसित कर उनकी संख्या में वृद्धि करना है। यहां पर कोटा बांध, गैपरनाथ का मंदिर एवं गरडिया महादेव स्थित है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-276. मानसून का प्रवेश द्वार : बांसवाड़ा जिला राजस्थान का मानसून का प्रवेश द्वार कहलाता है। मई-जून के महीनों में सिंध (पाकिस्तान) एवं पश्चिमी राजस्थान में अत्यधिक गर्मी के कारण बने निम्न वायुदाब के कारण हिन्द महासागर की दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनीं पवनें आकर्षित होती हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-277. शेरगढ़ अभयारण्य बारां जिले में परवन नदी के किनारे 1983 में लगभग 99 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थापित किया गया। शेरगढ़ अभयारण्य में शेरगढ़ दुर्ग स्थित है। यहां सर्प उद्यान भी है जिसमें सांपों को संरक्षण दिया जाता है। यहां बघेरे, जंगली सूअर को भी संरक्षण दिया जा रहा है। शेरगढ़ अभयारण्य में चिरौंजी के वृक्ष मिलते है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-278. कल्पवृक्ष मेला : अजमेर जिले के मांगलियावास में कल्पवृक्ष का मेला लगता है। यह एक दिवसीय मेला प्रतिवर्ष श्रावण अमावस्या को आयोजित होता है। इस अवसर पर कल्पवृक्ष के जोड़े की पूजा की जाती है। कल्पवृक्ष को स्वर्ग की देन कहा गया है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-279. बाणगंगा नदी : यह नदी जयपुर की बैराठ की पहाडिय़ों से निकलकर दौसा एवं भरतपुर जिलों में बहते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करके फतेहाबाद के समीप यमुना में मिल जाती है। बाणगंगा का पानी भरतपुर में घना पक्षी राष्ट्रीय उद्यान में भूमिगत होकर नम भूमि का निर्माण करता है। इसे 'अर्जुन की गंगा' भी कहा जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-280. गैप सागर (गैब सागर) डूंगरपुर में स्थित है। इसका निर्माण महारावल गोपीनाथ ने करवाया था। इस झील के किनारे उदयविलास महल एवं राज राजेश्वर मंदिर स्थित है।

आरपीएससी सामान्य ज्ञान प्रश्न - 10

आरपीएससी द्वारा राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं के लिए आयोजित परीक्षाओं में पूछे गए राजस्थान सामान्य ज्ञान (Rajasthan General Knowledge) से जुड़े प्रश्न-उत्तर

1. राजस्थान में राज्य स्तरीय पशु मेले सबसे ज्यादा जिस जिले में भरते हैं, वह है-
(अ) झालावाड़
(ब) नागौर
(स) बाड़मेर
(द) हनुमानगढ़
उत्तर - (ब)
[नागौर के राज्य स्तरीय पशु मेलों में बलदेव पशु मेला (मेड़तासिटी), वीरतेजाजी पशु मेला (परबतसर) रामदेव पशु मेला (नागौर) प्रसिद्ध हैं।]

2. राजस्थान के एक राज्य का वह कौनसा शासक था जिसने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?
(अ) महाराणा फतह सिंह (उदयपुर)
(ब) महाराजा उम्मेद सिंह (जोधपुर)
(स) महाराजा मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
(द) महाराजा गंगा सिंह (बीकानेर)
उत्तर - (द)
[महाराजा गंगा सिंह का जन्म अक्टूबर 1880 को हुआ था। ये महाराजा लाल सिंह के सबसे बड़े पुत्र थे। उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।]

3. राजस्थान संघ का निर्माण 25 मार्च, 1948 को हुआ। इसमें राजप्रमुख किसे बनाया गया?
(अ) धौलपुर के महाराजा
(ब) करौली के महाराजा
(स) महाराव कोटा
(द) सिरोही महाराजा
उत्तर - (स)
[राजस्थान संघ राज्य में कोटा सबसे बड़ी रियासत थी। इस वजह से कोटा नरेश महाराव भीमसिंह इस नवीन संघ के राज प्रमुख बने। वर्तमान राजस्थान के गठन में इस संघ को 'संयुक्त राजस्थान प्रथम' भी कहते हैं। इस संघ का उद्घाटन 25 मार्च, 1948 को भारत के मंत्री एन.वी. गाडगिल ने किया और उन्होंने यहां का प्रधानमंत्री का पद गोकुल लाल असावा को दिया।]

4. सन् 1952 के परिसीमन आयोग ने राजस्थान विधानसभा की सदस्य संख्या कितनी निर्धारित की थी?
(अ) 188    
(ब) 200
(स) प्रत्येक जिले में तीन विधायक
(द) 160
उत्तर - (द)
[4 से 24 जनवरी, 1952 के बीच राजस्थान की पहली विधानसभा के लिए चुनाव हुए। पहली विधानसभा का गठन 29 फरवरी, 1952 को हुआ, जिसमें 160 सदस्य थे। राज्य पुर्नगठन के फलस्वरूप 1 नवंबर, 1956 को अजमेर का राजस्थान में विलय हो गया और विधानसभा के सदस्यों की संख्या भी 160 से 190 हो गई। छठवीं विधानसभा (1977-1980) में पहली बार विधानसभा सदस्यों की संख्या 200 तय की गई।]

5. सही उत्तर चुनें :
राजस्थान के राज्यपाल कुलाधिपति होते हैं
(अ) सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों के
(ब) सभी राज्य विश्वविद्यालयों के
(स) सभी राज्य विश्वविद्यालयों, राज्य में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों के
(द) सभी राज्य विश्वविद्यालयों तथा राज्य में कार्यरत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के
उत्तर - (ब)
[राज्यपाल राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं।]

6. सही उत्तर दें :
राजस्थान का राज्य निर्वाचन आयोग है
(अ) एक संवैधानिक संस्था
(ब) एक वैधानिक संस्था
(स) भारत के चुनाव आयोग की एक इकाई
(द) एक कार्यपालिका संस्था
उत्तर - (अ)

7. केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान स्थित है :
(अ) जोधपुर में
(ब) बीकानेर में
(स) उदयपुर में
(द) श्रीगंगानगर में
उत्तर - (ब)
[सेंट्रल एरिड जोन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी काजरी जोधपुर में तथा सेंट्रल एरिड हार्टिकल्चर इंस्टीट्यूट बीकानेर में है।]

8. अभिलेख, जो प्राचीन राजस्थान में भागवत संप्रदाय के प्रभाव की पुष्टि करता है
(अ) बुचकता अभिलेख
(ब) घटियाला अभिलेख
(स) घोसुण्डी अभिलेख
(द) हेलियोदोरस का बेसनगर अभिलेख
उत्तर - (स)
[चित्तौडगढ़़ में प्राप्त हुआ दूसरी सदी पूर्व का अभिलेख जिसमें डांगवंश के शासक सर्वताल द्वारा विष्णुमंदिर की चारदीवारी बनाए जाने का उल्लेख है। भागवत् संप्रवाद से संबंधित सबसे प्राचीन अभिलेख है।]

9. निम्नलिखित में से कौनसा विद्वान कुम्भा के दरबार में नहीं था?
(अ) मुनि जिन विजय सूरी        
(ब) टिल्ला भट्ट
(स) नाथा
(द) मुनि सुन्दर सूरी
उत्तर - (अ)
[कुम्भा एक कवि, नाटककार, टीकाकार व संगीताचार्य थे। कुम्भा के दरबार में जैन विद्वान भी थे जिनमें मुख्यत: सोमसुंदर, मुनि सुंदर, भुवत सुंदर, जयचंद सूफी, सोमदेव आदि प्रमुख थे। सारंग व्यास संगीताचार्य, कुम्भा के संगीत गुरु थे। कुम्भा ने संगीतराज, संगीतमीमांसा, सूद प्रबंध, कमराज रतिसार आदि ग्रंथों की रचना की। उन्होंने जयदेव की प्रसिद्ध कृति गीत गोविंद पर रसिक प्रिया नाम से टीका भी लिखी। कुम्भा ने संगीत रत्नाकर व चंडीशतक पर भी टीका लिखी। उन्होंने संगीत सुधा संगीत क्रमदीपिका और हरितवर्तिका ग्रंथ लिखे।]

10. निम्नलिखित में से राजस्थान के किस क्षेत्र से अलीबक्षी ख्याल संबद्ध है?
(अ) अलवर
(ब) करौली
(स) चित्तौड़
(द) चिड़ावा
उत्तर - (अ)
[ख्याल राजस्थान के लोक नाट्य की सबसे लोकप्रिय विधाओं में शामिल है, इसका प्रचलन 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में हो चुका था। ख्याल की विषय वस्तु किसी पौराणिक कथा या पुराख्यान से जुड़ी होती है। अलीबक्षी ख्याल अलवर से संबंधित है।]

11. प्राचीन नगर जो महाभारत और महाभाष्य दोनों में उल्लेखित हैं-
(अ) रैढ़
(ब) विराटनगर (बैराठ)
(स) कर्कोट
(द) माध्यमिका (नगरी)
उत्तर - (द)
[रैढ़ को राजस्थान का टाटा नगर कहा जाता है। मेवाड़ प्राचीन काल में मेदपाट शिव जनपद/प्राग्वाट नाम से जाना जाता है, जिसकी राजधानी नगरी (माध्यमिका) थी।]

12. स्वतंत्रता पूर्व राजस्थान का निम्नलिखित में से कौनसा समाचार-पत्र आर्य समाजी विचारधारा का संवर्धक नहीं था?
(अ) परोपकारक
(ब) देश हितैषी
(स) राजपूताना गजट
(द) जनहितकारक
उत्तर - (स)
[मौलवी मुराद अली ने राजपूताना गजट का प्रकाशन अजमेर से 1882 ई. में किया। यह पत्र द्विभाषी था।]

13. निम्नलिखित में से सर्वप्रथम किसने राजस्थान के राजसी शासक वर्ग के लिए पृथक् शिक्षा संस्थान की आवश्यकता पर बल दिया था?
(अ) कैप्टन वाल्टर
(ब) कर्नल लोच
(स) लॉर्ड मेयो
(द) लॉर्ड लैंसडाऊन
उत्तर - (अ)

14. चौधरी कुम्भा राम नहर द्वारा लाभांवित जिला युग्म है
(अ) बीकानेर-जोधपुर
(ब) हनुमानगढ़-झुंझुनूं
(स) बाड़मेर-जैसलमेर
(द) भीलवाड़ा-टोंक
उत्तर - (ब)

15. राजस्थान की किस झील को रामसर आर्द्रभूमि की सूची में सम्मिलित किया गया है?
(अ) राजसमंद झील
(ब) जयसमंद झील
(स) सांभर झील
(द) आनासागर झील
उत्तर - (स)
[आर्द्र भूमि संरक्षण के लिए ईरान के रामसर में 2 फरवरी, 1971 को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ जिसमें 'रामसर मानक' स्थापित किए। विश्व का सबसे बड़ा आर्द्र भूमि क्षेत्र कनाडा का 'क्वीन ऑफ मांड' द्वीप है। विश्व में सबसे ज्यादा रामसर स्थलों की सूची यूनाइटेड किंगडम में है।]

Wednesday, July 7, 2021

राजस्थान शिक्षा विभाग का स्माइल कार्यक्रम : सम्पूर्ण जानकारी

रीट की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा जारी विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं को जानना आवश्यक है। इसी कड़ी में यहां कोरोना काल में चल रहे 'स्माइल' (Social Media Interface for Learning Engagement) कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जा रही है।

स्माइल कार्यक्रम का परिचय

'स्माइल कार्यक्रम' राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग का एक अभिनव नवाचारी कार्यक्रम है जिसके माध्यम से कोरोना वायरस से बचाव हेतु राजस्थान राज्य में जारी लॉकडाउन में लाखों विद्यार्थियों को घर पर रहते हुए उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है।

SMILE का अर्थ/आशय

SMILE का आशय Social Media Interface for Learning Engagement है। इस का शाब्दिक आशय सोशल मीडिया के संयोजन से विद्यार्थियों में अधिगम सक्रियता को बनाये रखना है। इसी प्रयास के तहत राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग ने इस नवाचारी कार्यक्रम को आरम्भ कर विद्यार्थियों के ऑनलाइन अध्ययन का कार्यारम्भ किया है।

कार्यक्रम के चरण

इसमे राज्य स्तर पर विद्यार्थियों हेतु उपयोगी शैक्षणिक सामग्री को चयनित करने के पश्चात सम्भाग/जिला माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर तक प्रेषित किया जाता है। ग्राम पंचायत स्तर पर इस शैक्षिक सामग्री को अभिभावकों के माध्यम से विद्यार्थियों तक प्रेषित किया जा रहा है।

सोशल मीडिया का उपयोग

स्माइल कार्यक्रम के संचालन में सोशल मीडिया का बहुत प्रभावी इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया के एक प्रमुख प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का इस्तेमाल करके हजारों की संख्या में अभिभावकों के ग्रुप बनाये गए है। इतनी बड़ी संख्या में ग्रुप निर्माण शायद ही किसी राज्य में इससे पहले हुआ हो।

इन व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग वर्तमान में विद्यार्थियों को घर बैठे अध्ययन करवाने के लिए किया जा रहा है। इस लॉकडाउन पीरियड यानी कोरोनाकाल के बाद भी इन ग्रुप की उपादेयता बनी रहेगी। इन्हीं ग्रुप्स का उपयोग करके अभिभावकों से महत्वपूर्ण संवाद प्रक्रिया बनेगी तथा विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास सम्भव हो सकेगा।

स्माइल कार्यक्रम में पीईईओ की भूमिका

स्माइल कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र हेतु पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी एवम शहरी क्षेत्र में FTB (फ्री टेक्स्ट बुक) नोडल मुख्य भूमिका है। राज्य स्तर से प्राप्त होने वाली शैक्षिक सामग्री को आगे व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा विद्यार्थियों तक भेजने की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।

इसी क्रम में इनके द्वारा ही ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु दो प्रकार के व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण किया गया है। ये व्हाट्सएप ग्रुप अभिभावकों व शिक्षकों हेतु बनाये गए हैं। पीईईओ ही इनके ग्रुप एडमिन हैं तथा इन ग्रुप को ओनली एडमिन मैसेज सेटिंग पर रखा जाना है ताकि विषय से अतिरिक्त कोई अन्य पोस्ट इन ग्रुप में नही हो।

अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका

स्माइल कार्यक्रम में अभिभावकों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। अभिभावकों का इस कार्यक्रम में सक्रिय व सहयोगी भूमिका है। अपने मोबाइल हैंडसेट पर व्हाट्सएप से प्राप्त विषय सामग्री को वे विद्यार्थी तक पहुचाएंगे। इस प्रकार उनका सीधा दखल रहेगा तथा वे दैनिक प्राप्त होने वाली सामग्री से भी अवगत रहेंगे तथा अपने बच्चों की शैक्षणिक लब्धि तथा अधिगम से भी परिचित रहेंगे।

शैक्षिक सामग्री का चयन

राज्य स्तर पर छात्रोपयोगी शैक्षणिक सामग्री का चयन किया जा रहा है। वर्तमान में एनसीईआरटी के वेबपोर्टल, ई-पाठशाला, दिक्षा व अन्य ओपन सोर्स पर उपलब्ध सामग्री का राज्य के परिपेक्ष्य में चयन किया जाता है। इसी के साथ ही निकट भविष्य में राज्य में राजकीय पाठ्यक्रम के आधार पर सामग्री का निर्माण भी किया जाना है।

शिक्षक सहयोग

राजकीय सेवा के सभी शिक्षक इस सम्पूर्ण प्रक्रिया के रचनात्मक सहयोगी है। वे सक्रिय रूप से अपनी कक्षा/विषय से सम्बंधित सामग्री का अवलोकन, विश्लेषण करते हुए विद्यार्थियों की सहायता करेंगे। वे स्वयम की भी सामग्री तैयार कर सकते है तथा निर्मित TLM/ शैक्षणिक कंटेंट को राज्य स्तर पर brajabasi.ruchita@bcg.com भेज सकेंगे। यह कंटेंट 4-5 मिनट का वीडियो इत्यादि प्रारूप में हो सकता है।

स्माइल कार्यक्रम का भविष्य

इस लॉकडाउन पीरियड यानी कोरोनाकाल में सम्पूर्ण राष्ट्र ने कई नई विचारधारा को समझा है एवं तदनुसार भविष्य की कार्ययोजना निर्मित होगी। स्माइल कार्यक्रम के तहत एक बहुत विशाल प्लेटफॉर्म का निर्माण हुआ है। 85 लाख से अधिक विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया से जोडऩा अपने आप मे एक इतिहास का निर्मित होने के समान है।

स्माइल कार्यक्रम का भविष्य बहुत उज्ज्वल है एवम आने वाले समय मे इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन द्वारा 'नेशनल एज्युकेशन क्वालिटी इंडेक्स' में राजस्थान को निश्चित रूप से बहुत लाभ होना है।


साभार : शिविरा

Tuesday, July 6, 2021

आरपीएससी सामान्य ज्ञान प्रश्न - 9

आरपीएससी द्वारा राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं के लिए आयोजित परीक्षाओं में पूछे गए राजस्थान सामान्य ज्ञान (Rajasthan General Knowledge) से जुड़े प्रश्न-उत्तर

1. राजस्थान में राजनीतिक चेतना को सर्वप्रथम जन्म देने वाले थे-
(अ) विजय सिंह पथिक
(ब) अर्जुन लाल सेठी
(स) सेठ दामोदर दास
(द) सहसमल बोहरा
उत्तर - (ब)
[9 सितम्बर, 1880 को जयपुर में अजुर्नलाल सेठी का जन्म हुआ था। क्रान्तिकारी विचारों के धनी सेठी ने देश सेवा के लिए आई.सी.एस. जैसा उच्च स्वीकार नहीं किया। अर्जुनलाल सेठी जयपुर रियासत में जनजागृति के जनक कहे जाते हैं। इन्होंने जैन प्रचार समिति तथा सन् 1907 में जयपुर में जैन वर्धमान विद्यालय की स्थापना की, जिसमें क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। प्रताप सिंह बारहठ, मोतीचन्द, माणकचन्द, विष्णुदत्त आदि ने इसी विद्यालय में क्रांतिकारी शिक्षा प्राप्त की थी। इन्होंने 'महेन्द्र कुमार', 'मदन पराजय', 'पार्श्व यज्ञ' आदि कृतियों की रचना की। दिसम्बर, 1941 को अजमेर में इनका निधन हो गया।]

2. पन्नाधाय एवं दुर्गादास के जीवन से जो विशेष प्रेरणा मिलती है, वह है-
(अ) धोखा न देने को
(ब) सेवा भावना की
(स) देश के लिए बलिदान की
(द) साहस एवं धैर्य की
उत्तर - (स)
[पन्नाधाय चित्तौड़ के राणा सांगा के पुत्र उदयसिंह की धाय मां थीं। उन्होंने अपने पुत्र चन्दन को उदयसिंह के स्थान पर सुलाकर उदयसिंह को बनवीर के हाथों हत्या होने से बचा लिया। बनवीर ने चन्दन को उदयसिंह समझकर उसकी हत्या कर दी। इस तरह पन्नाधाय ने स्वामीभक्ति, त्याग व बलिदान का आदर्श प्रस्तुत किया।
वीर दुर्गादास मारवाड़ नरेश जसवंत सिंह के वीर सेनानायक थे। उन्होंने अपनी सूझबूझ से जसवंत सिंह की पत्नी एवं पुत्र अजीत सिंह को औरंगजेब की कैद से मुक्त करवाया। दुर्गादास को 'राठौड़ों का यूलीसीस' कहा जाता है। दुर्गादास का जन्म 13 अगस्त, 1638 को महाराजा जसवंत सिंह के मंत्री आसकरण के यहां सालवा गांव में हुआ। दुर्गादास का निधन उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर 22 नवम्बर, 1718 को हुआ। उज्जैन में क्षिप्रा नदी तट पर ही वीर दुर्गादास की समाधि बनी है।]

3. स्थान, जो अपने मृदा शिल्प के लिए विख्यात है:
(अ) कैथून
(ब) सांगानेर
(स) कुचामन
(द) मोलेला
उत्तर - (द)
[मोलेला गांव राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। इस गांव को मृण शिल्प गांव कह सकते हैं। टेराकोटा आर्ट विश्व प्रसिद्ध है। यहां के कई कलाकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। इस कला से प्रभावित होकर कई विदेशी सैलानी इस गांव में यह कला सीखने आते हैं।]

4. प्रसिद्ध भक्त कवियत्री मीरा के पति का नाम था-
(अ) राणा रतन सिंह
(ब) राजकुमार भोजराज
(स) राणा उदयसिंह
(द) राणा सांगा
उत्तर - (ब)
[1516 ई. में मीरा बाई का विवाह मेवाड़ महाराणा सांगा (संग्राम सिंह) के बड़े पुत्र भोजराज के साथ हुआ था। भोजराज हाड़ा रानी कर्मावती के पुत्र थे। विवाह के कुछ समय बाद ही भोजराज की मृत्यु हो गई। इसके बाद मीरा कृष्ण भक्ति में लीन हो गई। मीरा को 'राजस्थान की राधा' भी कहा जाता है।]

5. कितने रजवाड़ों एवं राज्यों के एकीकरण से राजस्थान राज्य बना-
(अ) 18    
(ब) 16
(स) 20    
(द) 19
उत्तर - (द)
[स्वतंत्रता के समय राजस्थान 19 देशी रियासतों, 3 ठिकानों (चीफशिप)- कुशलगढ़, लावा, नीमराणा तथा चीफ कमिश्नर द्वारा प्रशासित अजमेर-मेरवाड़ा में विभक्त था। राजस्थान का एकीकरण 1948 से 1956 तक सात चरणों में सम्पन्न हुआ। 1 नवम्बर, 1956 को राजस्थान का वर्तमान स्वरूप अस्तित्व में आया।]

6. क्षेत्रपाल राजस्थान की संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है :
(अ) ग्राम अधिकारी के रूप में
(ब) एक उपासक के रूप में
(स) एक संत के रूप में
(द) ग्राम देवता के रूप में
उत्तर - (द)

7. 'मावट' जिससे होती है, वह है :
(अ) दक्षिणी-पूर्वी मानसून
(ब) उत्तरी-पूर्वी मानसून
(स) पश्चिमी विक्षोभ
(द) उत्तरी-पश्चिमी मानसून
उत्तर - (स)
[शीतकाल यानी सर्दी में होने वाली बरसात को मावट/माघठ/महावट कहा जाता है। सर्दऋतु में होने वाली मावट की वर्षा का उद्गम स्थल भूमध्य सागर से उठने वाले पश्चिमी विक्षोभ है।]

8. गलत युग्म को चुनिए :
जल राशि - स्थान (जिला)
(अ) चांद बावड़ी - दौसा
(ब) घड़सीसर - बीकानेर
(स) गेप सागर - डूंगरपुर
(द) कायलाना - जोधपुर
उत्तर - (ब)
[घड़सीसर सरोवर जैसलमेर में सोनारगढ़ से 2 किमी पूर्व में स्थित है। इसका निर्माण 1156 ई. में महारावल जैसल द्वारा कराया गया। सन् 1361 में महारावल घड़सी द्वारा सरोवर का जीर्णोद्धार करवाया गया। उन्हीं के नाम पर यह तालाब घड़सीसर कहलाने लगा। सरोवर के मध्य में जलमहल व छतरियां बनी हैं।]

9. रणछोड़भाई रेबारी के बारे में कौनसा एक सही नहीं है?
(अ) उन्हें राष्ट्रपति पदक प्रदान किया गया
(ब) वे भरतीय सेना में सिपाही थे
(स) गुजरात के सुई गांव की अंतरराष्ट्रीय चौकी का नाम रणछोड़दास चौकी रखा गया है
(द) 2013 में उसकी 112 वर्ष की आयु में मृत्यु हुई
उत्तर - (ब)
[अकेले 1200 पाकिस्तानियों को धूल चटाने वाले रणछोड़ भाई रेबारी का देहावसान 112 वर्ष की अवस्था में हो गया। आपको पगी के नाम से जाना जाता था। रणछोड़ भाई का जन्म पाकिस्तान के घरपारकर जिला गढड़ो (पीठासर) में हुआ था। विभाजन के समय पगी शरणार्थी के रूप में भारत आये थे। वह भारतीय सेना के लिए मार्गदर्शक का कार्य करते थे।]

10. चूंपा नामक आभूषण कहां पहना जाता है?
(अ) हाथ
(ब) दांत
(स) अंगुली
(द) नाक
उत्तर - (ब)
[चूंपा नामक आभूषण दांत में पहना जाता है। चोंप नामक आभूषण नाक में पहना जाता है।]

11. 'पृथ्वीराज विजय' का लेखक कौन है?
(अ) चन्द बरदाई
(ब) पृथ्वीराज चौहान
(स) जयानक
(द) नयनचंद सूरि
उत्तर - (स)
[पृथ्वीराज विजय महाकाव्य की रचना संस्कृत भाषा में जयानक ने की। इस ग्रंथ में पृथ्वीराज चौहान की उपलब्धियों का विवेचन है। चन्द बरदाई ने 'पृथ्वीराज रासो' तथा नयनचन्द्र सूरी ने 'हम्मीर महाकाव्य' नामक ग्रंथों की रचना की।]

12. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय राजस्थान में कहां स्थित हैं?
(अ) जोधपुर
(ब) क्रमश: कोटा एवं जोधपुर
(स) क्रमश: जोधपुर एवं उदयपुर
(द) उदयपुर
उत्तर - (अ)

13. राजस्थान साहित्य की कौनसी श्रेणी कहानी या कथा विधा से सम्बन्धित है?
(अ) वात
(ब) वेलि
(स) वचनिका
(द) विगत
उत्तर - (अ)
[वात का अर्थ है-कथा या कहानी। वात साहित्य कहानी या कथा के रूप में रचित होता है। राजस्थान में ऐतिहासिक, पौराणिक, प्रेमपरक व काल्पनिक कथानकों पर वात साहित्य की रचना हुई।]

14. राजस्थान के लोक नृत्य एवं उसके प्रचलन क्षेत्र के सम्बन्ध में निम्नलिखित में कौनसा युग्म सही नहीं है?
(अ) गींदड़ नृत्य : शेखावाटी
(ब) ढोल नृत्य : जालौर
(स) बमरसिया नृत्य : बीकानेर
(द) डांडिया नृत्य : मारवाड़
उत्तर - (स)
[बमरसिया नृत्य अलवर, भरतपुर क्षेत्र में प्रचलित है। शेखावाटी क्षेत्र के सुजानगढ़, चूरू, रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, झुंझुनूं, सीकर और आसपास के क्षेत्रों में होली के त्योहार पर गींदड़ नृत्य किया जाता है। यह पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
जालौर का ढोल-नृत्य भीनमाल के सांचलिया सम्प्रदाय में विवाह के अवसर पर किया जाता है। माली, ढोली, सरगड़ा और भील समाज में ढोल नृत्य प्रचलित है। मारवाड़ के डांडिया नृत्य में 10-15 पुरुष विभिन्न प्रकार की वेशभूषा में स्वांग भरकर गोले में डंडियों को आपस में टकराते हुए नृत्य करते हैं।]

15. राजस्थान की बोली एवं क्षेत्र के सम्बन्ध को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित में से गलत युग्म को पहचानिए-
(अ) टोंक : ढूंढाड़ी
(ब) पाली : बागड़ी
(स) बारां : हाडौती
(द) करौली : मेवाती
उत्तर - (ब)
[पाली जिले में गौड़वाड़ी व मारवाड़ी भाषाएं बोली जाती है। बागड़ी भाषा बागड़ क्षेत्र (डूंगरपुर, बांसवाड़ा का क्षेत्र) में बोली जाती है। कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ का क्षेत्र हाड़ा राजपूतों द्वारा शासित होने के कारण 'हाड़ौती' कहलाया। यहां की बोली का नाम हाड़ौती है, जो ढूंढ़ाड़ी की ही एक उपबोली है। अलवर-भरतपुर जिलों के क्षेत्र को मेवात और यहां की बोली 'मेवाती' कही जाती है। जयपुर, किशनगढ़, टोंक, लावा एवं अजमेर-मेरवाड़ा के पूर्वी अंचलों में बोली जाने वाली भाषा ढूंढ़ाड़ी कहलाती है।]

राजस्थान सामान्य ज्ञान-13

राजस्थान के इतिहास, संस्कृति आदि विषयों से संबंधित सामान्य ज्ञान फैक्ट

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-241. पार्वती नदी यमुना की सहायक नदी है। इसका उद्गम बदरिया गांव (धौलपुर) के निकट है। पार्वती नदी धौलपुर एवं उत्तर प्रदेश की सीमा बनाते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करके यमुना से मिल जाती है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-242. राजसमंद झील राजसमंद जिले में कांकरोली रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। उदयपुर के महाराणा राजसिंह ने 1662 ई. में गोमती नदी पर बांध बनाकर इस झील का निर्माण करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-243. चम्बल नदी महू (मध्य प्रदेश) जिले की जानापाव पहाड़ी से निकलती है। चम्बल नदी को चर्मवती, कामधेनु, सदावाहिनी और मालगंगा के नाम से भी जाना जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-244. कांतली नदी : शेखावाटी में कांतली नदी के बहाव क्षेत्र को तोरावटी बेसिन कहते हैं। इस नदी का उद्गम स्थल नदी खण्डेला (सीकर) की पहाडिय़ों मेें है। यहां से यह नदी झुंझुनूं जिले में प्रवेश करती है। इसके बाद चूरू जिले की सीमा के निकट विलीन हो जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-245. राज प्रशस्ति में मेवाड़ का इतिहास व महाराणा राजसिंह की उपलब्धियों का वर्णन है। मेवाड़ के महाराणा राजसिंह ने 1676 ई. में  'राज प्रशस्ति' लिखवाई थी। इसके लेखक संस्कृत कवि रणछोड़ भट्ट थे।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-246. शेर शिकार गुरुद्वारा धौलपुर जिले में स्थित है। मचकुण्ड तीर्थ के निकट स्थित यह गुरुद्वारा सिखों के छठे गुरु हर गोविन्द सिंह साहिब की स्मृति में बनाया गया था। जब वे यहां आए थे तब उन्होंने तलवार के एक ही वार से एक शेर का शिकार किया था। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-247. हनुमानगढ़ श्री गंगानगर से 12 जुलाई, 1994 को पृथक करके अलग हनुमानगढ़ को जिला बनाया गया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-248. हल्दीघाटी को रक्त तलाई के नाम से भी जाना जाता है। हल्दीघाटी के युद्ध को कर्नल जेम्स टॉड ने मेवाड़ की थर्मोपोली कहा है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-249. गणेश्वर सीकर जिले में स्थित है। नीमकाथाना से 15 किमी दूर कांतली नदी के उद्गम स्थल पर स्थित इस टीले के उत्खनन में ताम्रयुगीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-250. नौ चौकी की पाल : राजसमंद जिले में राजसमंद झील का उत्तरी भाग 'नौ चौकी की पाल' कहलाता है। यहां पर सफेद संगमरमर के 25 विशाल शिलालेखों पर लिखी गई राज प्रशस्ति में मेवाड़ साम्राज्य की स्थापना से लेकर राजसिंह तक इतिहास संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-251. मरूस्थलीय मिट्टी कम उपजाऊ होती है। अधिक तापान्तर व भौतिक अपक्षय इस मिट्टी के प्रमुख निर्माणक तत्व हैं। यह मिट्टी पश्चिमी राजस्थान में  पाई जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-252. रेगिस्तान का जलमहल बाड़मेर के बाटाडू गांव के कुए को कहते हैं। यह कुआ संगमरमर से निर्मित है। इसका निर्माण रावल गुलाबसिंह ने करवाया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-253. गागरोन दुर्ग को डोडगढ़, धूलरगढ़, जलदुर्ग भी कहा जाता है। यह दुर्ग आहू और कालीसिंध नदियों के संगम स्थल पर मुकन्दरा की पहाड़ी के नजदीक स्थित है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-254. पाबूजी को गौरक्षक, प्लेग रक्षक व ऊंटों के देवता के रूप में माना जाता है। मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊंट लाने का श्रेय पाबूजी को ही है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-255. लूणी नदी के किनारे बसे शहर : बिलाड़ा (जोधपुर), समदड़ी, बालोतरा, नाकोड़ा, तिलवाड़ा एवं सिणधरी (बाड़मेर) आदि नगर लूणी नदी के किनारे बसे हुए हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-256. नवलखा झील बूंदी में स्थित है। इसे नवल सागर भी कहते हैं। बूंदी के दुर्ग तारागढ़ की पहाड़ी की तलहटी में राजा उम्मेदसिंह द्वारा इस झील का निर्माण करवाया गया।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-257. राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य : इस अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1978 में की गई। यह राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में स्थित चंबल नदी के कुल 280 वर्ग किमी लम्बे क्षेत्र में स्थित है। इस अभयारण्य में घडिय़ाल, मछलियां, मगरमच्छ एवं गंगाई डॉल्फिन का संरक्षण किया जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-258. सीतामाता अभयारण्य : इस अभयारण्य की स्थापना 1979 ई. में की गई। यह अभयारण्य चित्तौडगढ़़ एवं प्रतापगढ़ जिलों में लगभग 423 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां का प्रमुख आकर्षण उडऩ गिलहरियां (रेड फ्लाइंग स्कविरल पेटोरिस्टा एल्बीवेन्टर) तथा उडऩ छिपकलियां हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-259. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर (अजमेर) में स्थित है। यह ब्रह्माजी का एकमात्र प्राचीन मंदिर है। श्री शंकराचार्य ने यहां ब्रह्माजी की प्रतिमा स्थापित की थी। प्राचीन मंदिर को औरंगजेब ने नष्ट करवा दिया था। वर्तमान मंदिर सन् 1809 में गोकुलचंद पारीक ने बनवाया।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-260. वेलि क्रिसन रुक्मणी री : बीकानेर के शासक राव कल्याणमल (1544-1574 ई.) के पुत्र पृथ्वीराज राठौड़ ने 'वेलि क्रिसन रुक्मणी री' ग्रंथ की रचना की। पृथ्वीराज ने इस डिंगल भाषा के इस खंड काव्य की रचना सन् 1580 में की थी। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का वर्णन है।