राजस्थान के इतिहास, संस्कृति आदि विषयों से संबंधित सामान्य ज्ञान फैक्ट
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-241. पार्वती नदी यमुना की सहायक नदी है। इसका उद्गम बदरिया गांव (धौलपुर) के निकट है। पार्वती नदी धौलपुर एवं उत्तर प्रदेश की सीमा बनाते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करके यमुना से मिल जाती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-242. राजसमंद झील राजसमंद जिले में कांकरोली रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। उदयपुर के महाराणा राजसिंह ने 1662 ई. में गोमती नदी पर बांध बनाकर इस झील का निर्माण करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-243. चम्बल नदी महू (मध्य प्रदेश) जिले की जानापाव पहाड़ी से निकलती है। चम्बल नदी को चर्मवती, कामधेनु, सदावाहिनी और मालगंगा के नाम से भी जाना जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-244. कांतली नदी : शेखावाटी में कांतली नदी के बहाव क्षेत्र को तोरावटी बेसिन कहते हैं। इस नदी का उद्गम स्थल नदी खण्डेला (सीकर) की पहाडिय़ों मेें है। यहां से यह नदी झुंझुनूं जिले में प्रवेश करती है। इसके बाद चूरू जिले की सीमा के निकट विलीन हो जाती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-245. राज प्रशस्ति में मेवाड़ का इतिहास व महाराणा राजसिंह की उपलब्धियों का वर्णन है। मेवाड़ के महाराणा राजसिंह ने 1676 ई. में 'राज प्रशस्ति' लिखवाई थी। इसके लेखक संस्कृत कवि रणछोड़ भट्ट थे।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-246. शेर शिकार गुरुद्वारा धौलपुर जिले में स्थित है। मचकुण्ड तीर्थ के निकट स्थित यह गुरुद्वारा सिखों के छठे गुरु हर गोविन्द सिंह साहिब की स्मृति में बनाया गया था। जब वे यहां आए थे तब उन्होंने तलवार के एक ही वार से एक शेर का शिकार किया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-247. हनुमानगढ़ श्री गंगानगर से 12 जुलाई, 1994 को पृथक करके अलग हनुमानगढ़ को जिला बनाया गया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-248. हल्दीघाटी को रक्त तलाई के नाम से भी जाना जाता है। हल्दीघाटी के युद्ध को कर्नल जेम्स टॉड ने मेवाड़ की थर्मोपोली कहा है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-249. गणेश्वर सीकर जिले में स्थित है। नीमकाथाना से 15 किमी दूर कांतली नदी के उद्गम स्थल पर स्थित इस टीले के उत्खनन में ताम्रयुगीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-250. नौ चौकी की पाल : राजसमंद जिले में राजसमंद झील का उत्तरी भाग 'नौ चौकी की पाल' कहलाता है। यहां पर सफेद संगमरमर के 25 विशाल शिलालेखों पर लिखी गई राज प्रशस्ति में मेवाड़ साम्राज्य की स्थापना से लेकर राजसिंह तक इतिहास संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-251. मरूस्थलीय मिट्टी कम उपजाऊ होती है। अधिक तापान्तर व भौतिक अपक्षय इस मिट्टी के प्रमुख निर्माणक तत्व हैं। यह मिट्टी पश्चिमी राजस्थान में पाई जाती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-252. रेगिस्तान का जलमहल बाड़मेर के बाटाडू गांव के कुए को कहते हैं। यह कुआ संगमरमर से निर्मित है। इसका निर्माण रावल गुलाबसिंह ने करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-253. गागरोन दुर्ग को डोडगढ़, धूलरगढ़, जलदुर्ग भी कहा जाता है। यह दुर्ग आहू और कालीसिंध नदियों के संगम स्थल पर मुकन्दरा की पहाड़ी के नजदीक स्थित है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-254. पाबूजी को गौरक्षक, प्लेग रक्षक व ऊंटों के देवता के रूप में माना जाता है। मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊंट लाने का श्रेय पाबूजी को ही है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-255. लूणी नदी के किनारे बसे शहर : बिलाड़ा (जोधपुर), समदड़ी, बालोतरा, नाकोड़ा, तिलवाड़ा एवं सिणधरी (बाड़मेर) आदि नगर लूणी नदी के किनारे बसे हुए हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-256. नवलखा झील बूंदी में स्थित है। इसे नवल सागर भी कहते हैं। बूंदी के दुर्ग तारागढ़ की पहाड़ी की तलहटी में राजा उम्मेदसिंह द्वारा इस झील का निर्माण करवाया गया।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-257. राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य : इस अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1978 में की गई। यह राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में स्थित चंबल नदी के कुल 280 वर्ग किमी लम्बे क्षेत्र में स्थित है। इस अभयारण्य में घडिय़ाल, मछलियां, मगरमच्छ एवं गंगाई डॉल्फिन का संरक्षण किया जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-258. सीतामाता अभयारण्य : इस अभयारण्य की स्थापना 1979 ई. में की गई। यह अभयारण्य चित्तौडगढ़़ एवं प्रतापगढ़ जिलों में लगभग 423 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां का प्रमुख आकर्षण उडऩ गिलहरियां (रेड फ्लाइंग स्कविरल पेटोरिस्टा एल्बीवेन्टर) तथा उडऩ छिपकलियां हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-259. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर (अजमेर) में स्थित है। यह ब्रह्माजी का एकमात्र प्राचीन मंदिर है। श्री शंकराचार्य ने यहां ब्रह्माजी की प्रतिमा स्थापित की थी। प्राचीन मंदिर को औरंगजेब ने नष्ट करवा दिया था। वर्तमान मंदिर सन् 1809 में गोकुलचंद पारीक ने बनवाया।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-260. वेलि क्रिसन रुक्मणी री : बीकानेर के शासक राव कल्याणमल (1544-1574 ई.) के पुत्र पृथ्वीराज राठौड़ ने 'वेलि क्रिसन रुक्मणी री' ग्रंथ की रचना की। पृथ्वीराज ने इस डिंगल भाषा के इस खंड काव्य की रचना सन् 1580 में की थी। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का वर्णन है।
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