आरपीएससी द्वारा राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं के लिए आयोजित परीक्षाओं में पूछे गए राजस्थान सामान्य ज्ञान (Rajasthan General Knowledge) से जुड़े प्रश्न-उत्तर
1. 1920 के दशक में राजनीतिक जागरण के उद्देश्य से किसने ब्यावर से 'राजस्थान' अखबार का प्रकाशन किया?
(अ) हरिभाऊ उपाध्याय
(ब) मुंशी समर्थदान
(स) रामनारायण चौधरी
(द) ऋषि दत्त मेहता
उत्तर - (द)
[ब्यावर (अजमेर) से ऋषिदत्त मेहता ने राजस्थान नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किया। यह समाचार पत्र मुख्यत: हाड़ौती क्षेत्र में जन-जागृति व राजनैतिक चेतना लाने का माध्यम बना।]
2. राजस्थान राज्य में मुख्यत: कोयले की किस्म पाई जाती है :
(अ) एंथ्रेसाइट
(ब) बिटुमिनस
(स) लिग्नाइट
(द) पीट
उत्तर - (स)
[राजस्थान के बाड़मेर (कपूरड़ी, जालीपा, गिराल, बोथिया-भरका क्षेत्र), बीकानेर (पलाना, बरसिंगसर, चानेरी, गुढ़ा, बिठनोक, हाडला, पानेरी, गंगासर, मोलसर) और नागौर (सोनारी, मेड़ता रोड, इग्यार क्षेत्र, मातासुख-कसनाऊ क्षेत्र) में कोयला पाया जाता है। कोयला चार प्रकार का होता है। कोयले की सर्वश्रेष्ठ किस्म एंथ्रेसाइट तथा सबसे निम्न कोटि का पीट कोयला माना जाता है। राजस्थान में लिग्नाइट किस्म का कोयला पाया जाता है।]
3. मध्यकालीन राजस्थान के राज्यों में शासक के बाद सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी जाना जाता था :
(अ) मुख्य मंत्री के रूप में
(ब) संधिविग्रहिक के रूप में
(स) प्रधान के रूप में
(द) महामात्य के रूप में
उत्तर - (स)
[मध्यकालीन राजस्थान में प्रधान का पद राजा के बाद दूसरी श्रेणी में था। प्रधान जो शासन, सैनिक और न्याय संबंधी कार्यों में उनकी सहायता करता था। विभिन्न रियासतों में प्रधान को अलग-अलग नामों से जाना जाता था। जैसे जयपुर रियासत में 'मुसाहिब', मेवाड़, मारवाड़ व जैसलमेर में 'प्रधान', कोटा और बूंदी में 'दीवान', बीकानेर में 'मुखत्यार' कहा जाता था।]
4. कोटा में वीर भारत समाज की स्थापना की :
(अ) साधु सीताराम
(ब) नयनुराम
(स) केसरी सिंह
(द) प्यारेराम
उत्तर - (स)
[सन् 1910 में कोटा में प्रसिद्ध राजस्थानी कवि और स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहट ने राव गोपाल सिंह खरवा के सहयोग से वीर भारत समाज की स्थापना की थी। केसरी सिंह बारहट का जन्म 21 नवंबर, 1872 को देवपुरा रियासत, शाहपुरा, राजस्थान में हुआ था। बारहठ को बांग्ला, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा वे इतिहास, दर्शन, मनोविज्ञान, खगोलशास्त्र तथा ज्योतिष आदि में भी प्रवीण थे। बारहट इटली के राष्ट्रपिता मैजिनी को अपना गुरु मानते थे।]
5. लौह अयस्क खनन क्षेत्र नहीं है :
(अ) डाबला
(ब) नीमला
(स) तलवाड़ा
(द) मोरीजा
उत्तर - (स)
[राजस्थान के मोरीजा बानोला क्षेत्र (जयपुर), मीमला-राइसेला क्षेत्र (दौसा), डाबला-सिंघाना, नीमकाथाना (झुंझुनूं-सीकर), नाथरा की पाल, थुर हुण्डेर (उदयपुर) में लौह अयस्क पाया जाता है।]
6. राजस्थान विधान सभा के लिए प्रथम आम चुनावों में कांग्रेस के बाद जिस राजनीतिक दल को द्वितीय सर्वाधिक स्थान प्राप्त हुए वह था :
(अ) रामराज्य परिषद
(ब) किसान मजदूर प्रजा पार्टी
(स) हिंदू महासभा
(द) भारतीय जनसंघ
उत्तर - (अ)
[राजस्थान विधानसभा के वर्ष 1952 में हुए प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस को सर्वाधिक 82 सीटें हासिल हुई थी। इन चुनावों में दूसरा स्थान रामराज्य परिषद को मिले। रामराज्य परिषद ने 24 सीटें जीती थीं।]
7. निम्न में से कौन राजस्थान का प्रथम मुख्य सचिव बना?
(अ) श्री वी. नारायण
(ब) श्री के. राधाकृष्णन
(स) श्री एस.डब्ल्यू. शिवेश्केर
(द) श्री बी.जी. राव
उत्तर - (ब)
[राजस्थान में के. राधाकृष्णन 13 अप्रेल, 1949 को राज्य के प्रथम मुख्य सचिव बने। मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है। मुख्य सचिव राज्य सचिवालय व राज्य प्रशासन का प्रशासनिक मुखिया होता है और राज्य प्रशासनिक ढांचे के शीर्ष पर रहता है। वह सचिवों का प्रधान होता है और सभी सचिवों के विभागों पर उसका पूर्ण नियंत्रण होता है।]
8. राजस्थान में राष्ट्रपति शासन कितनी बार लगाया गया?
(अ) 4
(ब) 7
(स) 2
(द) 6
उत्तर - (अ)
[राजस्थान में अब तक 4 बार (वर्ष 1967, 1977, 1980 और 1992) राष्ट्रपति शासन लग चुका है। संविधान के अनुच्छेद-356 के तहत भारत सरकार को राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के स्पष्ट उल्लंघन की दशा में राज्य सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार है। जब राज्य विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं होता है उस समय यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।]
9. राजस्थान का एकमात्र ऐसा लोकवाद्य जिसकी डोटी में तनाव के लिए पखावज की तरह लकड़ी के गुटके डाले जाते हैं -
(अ) तासा
(ब) रावलों की मादल
(स) ढाक
(द) डेरु
उत्तर - (ब)
[मादल अवनद्ध वाद्य यंत्र है। मादल की आकृति मृदंग या पखावज की तरह होती है। मादल पर हरिण या बकरे की खाल मढ़ी जाती है। इस वाद्य के दो रूप होते हैं : रावलों की मादल व भीलों की मादल। रावलों (चारणों) का मुख्य वाद्य यंत्र होने के कारण इसे रावलों की मादल कहते हैं। पखावज को मादल का परिष्कृत रूप माना जाता है।]
10. राजस्थान में जहांगीर के महल कहां स्थित हैं?
(अ) किशनगढ़
(ब) डीग
(स) अजमेर
(द) पुष्कर
उत्तर - (द)
[अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित यह महल वर्तमान में खण्डहर अवस्था में है। पुष्कर को आदि तीर्थ, तीर्थराज, कोकण तीर्थ आदि नामों से जाना जाता है। पुष्कर में प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ला एकादशी से पूर्णिमा तक प्रसिद्ध पुष्कर मेला भरता है। यहां ब्रह्माजी का प्रसिद्ध भव्य मंदिर है। यहां पवित्र पुष्कर झील है, जिसमें 52 घाट हैं।]
11. जमनादास, छोटेलाल, बक्साराम व नंदलाल चित्रकला की किस शैली से संबद्ध हैं?
(अ) बीकानेर शैली
(ब) मारवाड़ शैली
(स) झालावाड़ शैली
(द) अलवर शैली
उत्तर - (द)
[अलवर के राजा प्रतापसिंह के शासनकाल में वर्ष 1775 में अलवर चित्र शैली की शुरुआत हुई थी। अलवर के लघुचित्रों में हरे व नीले रंगों का अधिकता से प्रयोग किया गया है। प्राचीन चित्रों में स्त्री व पुरुष आकृतियां मछली जैसी गोल दिखायी गई हैं। इस शैली के चित्रों में मुगलकालीन चित्रों जैसा बारीक काम, परदों पर धुएं के समान छाया तथा रेखाओं की सुदृढ़ता दर्शनीय है।]
12. सोम कमला अम्बा सिंचाई परियोजना जिस जिले में स्थित है-
(अ) डूंगरपुर
(ब) बांसवाड़ा
(स) उदयपुर
(द) चित्तौड़
उत्तर - (अ)
[डूंगरपुर जिले में स्थित कमला-अम्बा गांव में सोम नदी पर बांध बनाकर सोम कमला अम्बा परियोजना स्थापित की गई। इस परियोजना से डूंगरपुर जिले के आदिवासी क्षेत्रों में सिंचाई हो रही है।]
13. राजस्थान का वह जिला जो अब ईसबगोल, जीरा व टमाटर की उपज के लिए प्रसिद्ध है-
(अ) गंगानगर
(ब) बूंदी
(स) जालोर
(द) कोटा
उत्तर - (स)
[जालौर जिला ईसबगोल, जीरा, टमाटर, अरण्डी व बेदाना अनार के उत्पादन में अग्रणी है। राजस्थान ईसबगोल के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। ईसबगोल का स्थानीय नाम घोड़ा जीरा है।]
14. विश्नोई सम्प्रदाय के संस्थापक थे-
(अ) रामदेवजी
(ब) पाबूजी
(स) जांभोजी
(द) हड़बूजी
उत्तर - (स)
[संत जांभोजी का जन्म 1451 ई. में पीपासर (नागौर) में पंवार-वंशीय राजपूत परिवार में हुआ। इनको भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। इनके गुरु का नाम गोरखनाथ था और इन्होंने 'विश्नोई सम्प्रदाय' चलाया, जिसके अनुयायियों को 29 नियमों का पालन करना होता है। इन्होंने निर्गुण-निराकार ब्रह्म की भक्ति पर बल दिया। इनकी मृत्यु मुकाम तालवा में 1534 को हुई। विश्नोई सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ मुकाम तालवा (नोखा, बीकानेर) में है। जांभोजी का प्रमुख कार्यस्थल- सम्भराथल (बीकानेर) था। जांभोजी ने जम्भसागर, जम्भ संहिता व विश्नोई धर्म प्रकाश नामक ग्रंथ लिखे। विश्वनोई सम्प्रदाय पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राणों का बलिदान कर देने के लिए प्रसिद्ध है।]
15. प्रसिद्ध कैला देवी मेला कहां आयोजित होता है-
(अ) सवाई माधोपुर
(ब) धौलपुर
(स) करौली
(द) हिण्डौन
उत्तर - (स)
[करौली में कैला देवी का मन्दिर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ला अष्टमी को यहां मेला लगता है, इसे लक्खी मेला भी कहते हैं। इस मेले में लांगुरिया नृत्य किया जाता है। कैला देवी करौली के यदुवंशी राजवंश की कुल देवी हैं।]
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