आरपीएससी द्वारा राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं के लिए आयोजित परीक्षाओं में पूछे गए राजस्थान सामान्य ज्ञान (Rajasthan General Knowledge) से जुड़े प्रश्न-उत्तर
1. 'ताराभांत की ओढऩी' राजस्थान की किन स्त्रियों की लोकप्रिय वेशभूषा है?
(अ) राजपूत स्त्रियां
(ब) गुर्जर स्त्रियां
(स) आदिवासी स्त्रियां
(द) जाट स्त्रियां
उत्तर - (स)
2. राजस्थान में 'ब्लू पॉटरी' का प्रमुख केन्द्र कौनसा है?
(अ) बीकानेर
(ब) डूंगरपुर
(स) जयपुर
(द) जैसलमेर
उत्तर - (स)
[जयपुर जिले की प्रसिद्ध ब्लू पॉटरी कला में चीनी मिट्टी के बर्तनों पर नीले, हरे व अन्य रंगों से कलात्मक चित्रण किया जाता है। स्व. कृपाल सिंह शेखावत इसके प्रसिद्ध कलाकार थे।]
3. निम्नलिखित में से कौनसी मारवाड़ी की उपबोली नहीं है?
(अ) बीकानेरी
(ब) नागरचोल
(स) जोधपुरी
(द) थली
उत्तर - (ब)
[नागरचोल ढूंढाड़़ी की उपबोली है। ढूंढाड़ी की प्रमुख उपबोलियां हैं- तोरावाटी, राजावाटी, चौरासी, नागरचोल, किशनगढ़ी, अजमेरी, काठेड़ी, हाड़ौती।]
4. निम्नलिखित में से गलत युग्म को पहचानिए-
(अ) बेणेश्वर मेला : डूंगरपुर
(ब) बादशाह का मेला : ब्यावर
(स) मरु महोत्सव : बाड़मेर
(द) गौतमेश्वर का मेला : सिरोही
उत्तर - (स)
5. राजस्थानी विचारधारा की चित्रकला का आरम्भिक मुख्य केन्द्र था-
(अ) बीकानेर
(ब) जयपुर
(स) बूंदी
(द) जैसलमेर
उत्तर - (स)
[यह चित्रकला शैली बूंदी के शासक भाव सिंह के शासनकाल में सर्वाधिक विकसित हुई। महाराव उम्मेद सिंह के काल में निर्मित चित्रशाला (रंगीन चित्र) बूंदी चित्र शैली का श्रेष्ठ उदाहरण है। इस शैली में कृष्ण लीला, रामलीला, बारहमासा, शिकार, तीज त्योहार, हाथियों की लड़ाई, पशु-पक्षी, फल-फूल आदि को चित्रित किया गया है।]
6. 'पिछवाई' कलाकृतियों में बने चित्र उद्धृत किए गए हैं-
(अ) महाभारत से
(ब) रामायण से
(स) भगवान कृष्ण के जीवन से
(द) राजपूत राजाओं के जीवन से
उत्तर - (स)
[राजस्थान में नाथद्वारा (राजसमंद) पिछवाई कला का प्रमुख केन्द्र है। यहां श्रीनाथजी की मूर्ति के पीछे लगाए जाने वाले वस्त्र पर कृष्ण-लीला के चित्र बनाए जाते हैं, जिन्हें पिछवाई कहा जाता है।]
7. राजस्थान में प्रत्येक जिले के सहकारी बैंक का नाम है?
(अ) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(ब) प्राथमिक सहकारी बैंक
(स) राज्य सहकारी बैंक
(द) केन्द्रीय सहकारी बैंक
उत्तर - (द)
[राजस्थान में सहकारिता की शुरुआत किसानों को कृषि के लिए सरल साख सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है।]
8. जिनके उत्पादन में भारत में राजस्थान का प्रथम स्थान है, वे हैं-
(अ) रॉक फॉस्फेट, टंग्स्टेन एवं जिप्सम
(ब) ग्रेनाइट, संगमरमर एवं बलुआ-पत्थर
(स) सीसा, जस्ता एवं तांबा
(द) अभ्रक, घिया पत्थर एवं फ्लोराइड
उत्तर - (अ)
[देश में झारखण्ड के बाद खनिज भण्डारों की दृष्टि से राजस्थान दूसरे स्थान पर है। देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का लगभग 22 प्रतिशत योगदान है। राजस्थान जास्पर, वोलेस्टोनाइट व गार्नेट का समस्त देश में एकमात्र उत्पादक राज्य है। सीसा, जस्ता, टंगस्टन, जिप्सम, फ्लोराइट, मार्बल, एस्बेस्टॉस, रॉक फॉस्फेट, फेल्सपार, सोप स्टोन व चांदी के उत्पादन में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है।
रॉक फॉस्फेट- उदयपुर के झामरकोटड़ा, माटोन, कानपुरा, सीसारमा, बेलागढ़ व भींडर से सर्वाधिक मात्रा में प्राप्त होता है।
भटवासी (नागौर) में जिप्सम का सर्वाधिक उत्पादन होता है। श्रीगंगानगर, बिसरासर (बीकानेर) से भी यह प्राप्त होता है।
डेगाना (नागौर), नाना कराब (पाली) व आबू रेवदर (सिरोही) से टंगस्टन प्राप्त होता है।]
9. प्राकृतिक संसाधनों की प्रकृति एवं उपलब्धता के आधार पर राजस्थान में उन उद्योगों के विकास की सर्वाधिक सम्भावनाएं हैं, जिनका आधार है-
(अ) पशुधन
(ब) कृषि
(स) खनिज
(द) वन
उत्तर - (अ)
[राजस्थान में भू-सम्पदा व खनिज सम्पदा के बाद पशु सम्पदा तीसरी महत्वपूर्ण सम्पदा है। कृषि के बाद पशुपालन राज्य के निवासियों का दूसरा महत्वपूर्ण व्यवसाय है। राज्य का लगभग 61 प्रतिशत भू-भाग मरूस्थलीय एवं एक बड़ा भाग जनजाति बाहुल्य पर्वतीय क्षेत्र भी है। प्रदेश की तीन-चौथाई जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। इन क्षेत्रों में जनसाधारण की जीविका कृषि व पशुपालन पर ही निर्भर है।]
10. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन हेतु सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है-
(अ) राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम
(ब) समग्र ग्रामीण विकास
(स) समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम
(द) ग्रामीण भूूमिहीनों हेतु रोजगार गारण्टी कार्यक्रम
उत्तर - (स)
[सन् 1978 में समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम प्रदेश के 112 विकास खंडों में लागू किया गया। 2 अक्टूबर, 1980 को इसे सभी खंडों में लागू कर दिया गया। निर्धनता उन्मूलन का यह सर्वोपरि कार्यक्रम माना गया। इसमें केन्द्र-राज्य का वित्तीय अनुदान 50 : 50 का रखा गया। बाद में इसे स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना में सम्मिलित कर लिया गया।]
11. निम्न चार सिद्धान्तों का किस सन्त से सम्बन्ध हैं-
(1) हवन करना चाहिए
(2) जीवों पर दया करनी चाहिए
(3) सायं ईश्वर की आरती तथा भजन करना चाहिए
(4) प्रात:काल स्नान करना चाहिए
(अ) धन्ना
(ब) जांभोजी
(स) सिद्ध जसनाथ
(द) सन्त पीपा
उत्तर - (ब)
[पीपासर (नागौर) में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी वि.स. 1508 को विश्नोई सम्प्रदाय के प्रवर्तक जांभोजी का जन्म हुआ। इन्होंने भगवान विष्णु की निर्गुण निराकार ब्रह्म के रूप में उपासना की। जांभोजी ने अपने अनुयायियों को 29 नियमों के पालन का उपदेश दिया। इनकी मृत्यु मुकाम तालवा (नोखा, बीकानेर) में हुई। मुकाम तालवा विश्नोई सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ है। जांभोजी ने 'जम्भ सागर', 'जम्भ संहिता' और 'विश्नोई धर्म प्रकाश' ग्रंथ की रचना की।]
12. जिस जिले की वार्षिक वर्षा में विषमता का प्रतिशत सर्वाधिक है, वह है-
(अ) बाड़मेर
(ब) जयपुर
(स) जैसलमेर
(द) बांसवाड़ा
उत्तर - (द)
[राजस्थान का अधिकांश भाग कर्क रेखा के उत्तर में उपोष्ण कटिबंध में स्थित है, केवल डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिलों का कुछ भाग ही उष्ण कटिबंध में स्थित है। राजस्थान में वर्षा का वार्षिक औसत लगभग 58 सेमी. है। राज्य में वर्षा का वितरण 10 से 125 सेमी के बीच है।]
13. 'प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र' के रचयिता थे-
(अ) माणिक्यलाल वर्मा
(ब) जमनालाल बजाज
(स) हीरालाल शास्त्री
(द) पं. नयनूराम शर्मा
उत्तर - (ब)
['प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र' राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री पं. हीरालाल शास्त्री की आत्मकथा है। हीरालाल शास्त्री जयपुर रियासत में जन जागरण के पुरोधा, स्वतंत्रता संग्राम के नेता और राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री रहे। इन्होंने वनस्थली (टोंक) में 'जीवन कुटीर' के नाम से एक रचनात्मक संस्था की स्थापना की, जो वर्तमान में वनस्थली विद्यापीठ के नाम से विख्यात है। सन् 1930 में उन्होंने 'प्रलय प्रतीक्षा नमो नमो' नामक गीत भी लिखा।]
14. कौनसा अभयारण्य विश्व धरोहर (वर्ल्ड हेरिटेज) घोषित किया गया है?
(अ) सरिस्का
(ब) रणथम्भौर
(स) मरु राष्ट्रीय उद्यान
(द) केवलादेव
उत्तर - (द)
[भरतपुर में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना पक्षी अभयारण्य) की स्थापना 1981 में की गई। यह अभयारण्य 28.73 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है, इसे 1985 में यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर सूची में शामिल किया गया। यह साइबेरियन क्रेन के आगमन के लिए प्रसिद्ध है। इसमें कदम्ब के वृक्ष बहुतायत में हैं। इसमें पानी की आपूर्ति अजान बांध से की जाती है।]
15. 'हाड़ौती' बोली राजस्थान के जिस क्षेत्र में प्राय: नहीं बोली जाती, वह क्षेत्र है-
(अ) भरतपुर
(ब) झालावाड़
(स) कोटा
(द) बूंदी
उत्तर - (अ)
[सर्वप्रथम डॉ. जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने 1912 में अपनी पुस्तक लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इण्डिया में यहां की भाषा के लिए 'राजस्थानी' शब्द प्रयुक्त किया। ग्रियर्सन ने राजस्थानी भाषा की चार उपशाखां बताई। हाड़ौती को उन्होंने मध्य पूर्व राजस्थानी में रखा। हाड़ौती ढूंढाड़ी की ही उपबोली है। यह बोली कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ जिलों में बोली जाती है। प्रसिद्ध साहित्यकार सूर्यमल्ल मिश्रण ने अपनी रचनाएं हाड़ौती बोली में की हैं।
Sunday, March 14, 2021
आरपीएससी सामान्य ज्ञान प्रश्न - 7
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