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Friday, March 12, 2021

राजस्थान सामान्य ज्ञान-10

राजस्थान सामान्य ज्ञान-10
 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-181. खाटूश्यामजी सीकर जिले में खाटू ग्राम में श्याम जी (कृष्ण) का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर श्यामजी के शीश की पूजा की जाती है। खाटू श्यामजी में प्रतिवर्ष फाल्गुन शुक्ल एकादशी को विशाल लक्खी मेले का आयोजन होता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-182. भण्डदेवरा शिव मंदिर बारां जिले में स्थापित है। हाड़ौती का खजुराहो कहा जाने वाला यह मंदिर 10वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था। इस देवालय को पंचायतन शैली का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। इसे राजस्थान का मिनी खजुराहो भी कहा जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-183. सवाई भोज का मंदिर भीलवाड़ा के आसींद में खारी नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर गुर्जर समाज का सबसे प्रमुख तीर्थस्थल है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-184. जमुवाय माता जयपुर के कछवाहों की कुलदेवी हैं। जयपुर के निकट जमुवा रामगढ़ में स्थित इस मंदिर का निर्माण कछवाहा वंश के संस्थापक दुलहराय ने करवाया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-185. जवाई नदी लूणी नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। 'जवाई' गोरिया गांव (पाली) से निकलकर पाली, जालौर एवं बाड़मेर जिलों में बहते हुए गांधव (बाड़मेर) के निकट लूणी में मिल जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-186. शुष्क जलवायु प्रदेश शुष्क जलवायु प्रदेश में वार्षिक वर्षा औसत 0-20 सेमी है। प्रदेश की प्रमुख विशेषता धूलभरी आंधियां, भयंकर गर्मी, लू का प्रकोप, शुष्क एवं गर्म हवाएं, वर्षा की कमी एवं आर्द्रता की कमी है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-187. सालर वन प्रदेश के उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ़़, सिरोही, अजमेर, जोधपुर, अलवर, जयपुर आदि जिलों में सालर वन फैले हैं। इन वनों में साल वृक्ष की प्रधानता होती है। सालर वनों से गोंद, रेजिन प्राप्त होती है। इनकी लकड़ी का उपयोग पैकिंग व फर्नीचर में किया जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-188. रामसागर अभयारण्य धौलपुर जिले में स्थित है। इस अभयारण्य की स्थापना 1955 में की गई थी। इसका क्षेत्रफल लगभग 34 वर्ग किमी है। यहां मुख्यत: गीदड़ एवं भेडि़ए निवास करते हैं। यह अभयारण्य देशी-विदेशी प्रवासी पक्षियों की शरण स्थली है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-189. बारबरी राजस्थान में पाई जाने वाली बकरियों की एक नस्ल है। यह नस्ल दूध के लिए प्रसिद्ध है। प्रदेश में इस नस्ल की बकरियां मुख्यत: अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, करौली, भरतपुर, धौलपुर आदि जिलों में पाई जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-190. बकरियों की नस्ल राजस्थान में मुख्यत: निम्न नस्ल की बकरियां पाई जाती हैं-जमनापारी, बारबरी, मारवाड़ी, लोही, जखरान या अलवरी, सिरोही, शेखावाटी, परबतसरी

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-191. बावड़ी एक सीढ़ीदार वृहद् कुंआ होता है जिसमें वर्षा जल के संग्रहण के साथ भूमिगत जल का संग्रहण भी होता है। शेखावाटी एवं बूंदी की बावडिय़ां जल संग्रहण के साथ ही अपनी स्थापत्य कला के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-192. कोलायत झील बीकानेर-जैसलमेर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-15) पर कोलायत कस्बे के निकट स्थित है। इस झील के किनारे सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि की तपोस्थली स्थित है। यहां प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन होता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-193. कनक सागर पक्षी अभयारण्य : बूंदी जिले में 'कनक सागर झीलÓ के निकट 72 वर्ग किमी क्षेत्र में इस अभयारण्य की स्थापना 1987 में की गई। यह पक्षी अभयारण्य जलमुर्गी के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां हंस, सारस, गैरेट, बगुला आदि भी पाए जाते हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-194. छप्पन का मैदान माही नदी का वह अपवाह क्षेत्र कहलाता है, जो बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ जिलों में स्थित है। इस नदी पर बांसवाड़ा में माही बजाज सागर बांध एवं कागदी पिकअप बांध बनाए गए हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-195. परवन नदी मध्य प्रदेश से निकलकर राजस्थान में झालावाड़, कोटा एवं बारां जिलों में बहते हुए पालयता (बारां) के निकट कालीसिंध में मिल जाती है। नेवज, काली खाड़, धार एवं छापी इसकी सहायक नदियां हैं। बारां जिले में इस नदी पर शेरगढ़ अभयारण्य स्थित है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-196. 'थली' स्थानीय भाषा में थार मरुस्थल को कहा जाता है। यह  ग्रेट पोलियो आर्कटिक अफ्रीकी मरुस्थल का पूर्वी भाग है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-197. कोठारी नदी दिवेर (राजसमंद) से निकलकर नंदराय भीलवाड़ा के समीप बनास नदी में मिल जाती है। इस नदी के किनारे पर भीलवाड़ा जिले में प्राचीन बागौर की सभ्यता मिली है। इसकी लंबाई 145 किमी है। इस नदी पर मेजा बांध बनाया गया है जो भीलवाड़ा जिले में माण्डलगढ़ के निकट स्थित है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-198. राजपूताने का कर्ण बीकानेर के महाराजा रायसिंह (1574-1612 ई.) कहा जाता है। इन्हें यह उपमा मुंशी देवीप्रसाद द्वारा दी गई। महाराजा रायसिंह ने रायसिंह महोत्सव व  ज्योतिष रत्नामाला की भाषा टीका की रचना की थी।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-199. मांडलगढ़ दुर्ग भीलवाड़ा जिले में स्थित यह दुर्ग मंडलाकार आकृति का है। कालांतर में इसका नाम मांडलगढ़ हो गया। यह दुर्ग बनास, बेडच और मेनाल नदियों के संगम पर बीजासण पहाड़ी पर स्थित है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-200. संत सहजोबाई संत चरणदास की शिष्या थीं। इनका जन्म जन्म मेवात प्रदेश के डेहरा ग्राम में हुआ था। संत सहजोबाई ने 'सहज प्रकाश' ग्रंथ की रचना की थी।

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