राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-161. जैसलमेर की स्थापना 1156 ई. में राव जैसल ने की थी। इस शहर को स्वर्णनगरी व म्यूजियम सिटी भी कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-162. नागौर प्राचीन काल में जांगलदेश की राजधानी था। प्राचीन समय में यह अहिछत्रपुर के नाम से विख्यात था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-163. टोंक नवाबों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। रियासत काल में यह राज्य की एकमात्र मुस्लिम रियासत थी।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-164. चित्तौडगढ़़ दुर्ग का निर्माण मौर्य शासक चित्रांग (चित्रक) ने करवाया था। चित्तौड़ के किले को राजस्थान का गौरव व गढ़ों का सिरमौर कहा जाता है। यह दुर्ग एक ऊंचे पठार (मेसा पठार) पर स्थित है। इस पहाड़ी की लंबाई 5 किलोमीटर है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-165. शुष्क सागवान वन में वार्षिक वर्षा 80 से 100 सेमी तक होती है। ये राजस्थान के कुल वनों का लगभग 6.87 प्रतिशत हैं। शुष्क सागवान वन बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़, डूंगरपुर, राजसमंद, उदयपुर, कोटा एवं बारां जिलों में पाए जाते हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-166. सेवण (लीलोण) मरू राष्ट्रीय पार्क, जैसलमेर व बाड़मेर क्षेत्र में पाई जाती है। यह पौष्टिक घास होती है। सेवण घास का वैज्ञानिक नाम लसियुरूस सिडीकुस है। लाठी सीरीज क्षेत्र में पाई जाने वाली यह घास मरूस्थल के विस्तार को रोकती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-167. महाराणा सांगा महाराणा रायमल के पुत्र थे। इनका राज्याभिषेक 24 मई, 1509 को किया गया। महाराणा सांगा जिस समय मेवाड़ के शासक बने उस समय दिल्ली में सुल्तान सिकंदर लोदी, गुजरात में महमूद बेगड़ा तथा मालवा में नासिर शाह का शासन था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-168. महाराणा कुंभा राणा रासौ, हाल गुरु (पहाड़ी दुर्गों का स्वामी) छाप गुरु, परमगुरु, महाराजाधिराज, राजगुरु आदि उपाधियां प्राप्त थीं। महाराणा कुंभा ने अपने शासनकाल में 32 दुर्गों का निर्माण व जीर्णोद्धार करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-169. माही नदी को दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा भी कहते हैं। इस नदी की कुल लंबाई लगभग 576 किमी है। राजस्थान में लगभग 171 किमी है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-170. लूणकरणसर झील बीकानेर जिले के लूणकरणसर कस्बे के निकट स्थित है। यह झील 6 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील के पानी में लवणीयता की मात्रा कम होने के कारण थोड़ी मात्रा में ही नमक बनाया जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-171. माउण्ट आबू अभयारण्य की स्थापना 1960 में सिरोही जिले के माउन्ट आबू रोड क्षेत्र में की गई थी। यह अभयारण्य 328 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभयारण्य में उगने वाली घास को स्थानीय भाषा में 'कारा' कहा जाता है। इस अभयारण्य के जंगली मुर्गे एवं आबू एन्सिस डिकिल्पटेरा नामक वनस्पति प्रसिद्ध है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-172. स्वर्णगिरि दुर्ग के नाम से जालौर का किला जाना जाता है। इस किले का निर्माण प्रतिहार शासक नागभट्ट द्वारा करवाया गया था। जालौर के किले में एक जैन मंदिर व मलिक शाह नामक प्रसिद्ध मुस्लिम संत की दरगाह है
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-173. जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान में पाली जिले के सुमेरपुर शहर के पास एरिनपुरा के निकट बना हुआ है। यह बांध लूणी की सहायक जवाई नदी पर बनाया गया है। इस बांध से जोधपुर, सुमेरपुर और पाली शहर को पेयजल आपूर्ति तथा पाली, जालोर जिलों में सिंचाई होती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-174. श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनूं, डूंगरपुर, बांसवाड़ा तथा भीलवाड़ा ऐसे जिले हैं जहां पर कोई राष्ट्रीय पार्क, अभयारण्य या आखेट निषिद्ध क्षेत्र नहीं है
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-175. मचकुण्ड तीर्थ धौलपुर जिले में गंधमाधन पर्वत पर स्थित है। इस तीर्थ स्थल को सब तीर्थों का भांजा कहते हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-176. करौली यादव वंश के शासक अर्जुनपाल ने भद्रावती नदी के किनारे सन् 1348 ई. में करौली शहर बसाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-177. आनासागर झील का निर्माण अर्णोराज चौहान ने नाग पहाड़ी (अजमेर) की तलहटी में 1137 ई. में करवाया था। इस झील के किनारे शाहजहां ने 1637 ई. में बारादरी का निर्माण करवाया था। जहांगीर ने इसी झील के किनारे दौलतबाग जो सुभाष उद्यान के नाम से जाना जाता है, का निर्माण करवाया।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-178. फॉयसागर झील अजमेर में स्थित है। इसका निर्माण वर्ष 1891-92 में अकाल राहत कार्यों के दौरान एक अंग्रेज अभियंता फॉय ने बांडी नदी पर बांध बनाकर करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-179. मेवाड़ी राजस्थान की दूसरी महत्वपूर्ण बोली है। उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़, राजसमंद का क्षेत्र मेवाड़ क्षेत्र कहलाता है। इसी कारण इस क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा मेवाड़ी कहलाती है। महाराणा कुंभा द्वारा रचित कुछ नाटक इसी भाषा में हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-180. हाड़ौती ढूंढाड़ी की उपबोली है। कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ का क्षेत्र हाड़ौती कहलाता है, इस क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा हाड़ौती कहलाती है। हाडौती को बोली के रूप में मान्यता डॉ. ग्रियर्सन के साहित्यिक ग्रंथों में मिला है।
Thursday, March 11, 2021
राजस्थान सामान्य ज्ञान-9
राजस्थान सामान्य ज्ञान-9
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