राजस्थान सामान्य ज्ञान - 5
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-81 : मांगणियार गायिकी राजस्थान के पश्चिमी मरुस्थलीय सीमावर्ती क्षेत्रों बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर आदि में मांगणियार जाति के लोगों द्वारा मांगलिक अवसरों पर गायी जाने वाली लोक गायन शैली है। मांगणियार मुस्लिम सिंध प्रांत के हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-82 : पगड़ी पुरुषों की वेशभूषा है। यह सिर पर बांधा जाने वाला वस्त्र है। पगड़ी अलग-अलग रंगों में होती है, जिन्हें अलग-अलग अवसरों पर पहना जाता है। जयपुर की पगड़ी खूंटेदार, उदयपुर की चपटी तथा मारवाड़ की छज्जादार व खिड़कीदार होती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-83 : चूरू का किला चांदी के गोले दागने वाले किले के रूप में प्रसिद्ध है। इस दुर्ग के ठाकुर शिवसिंह ने 1814 ई. में बीकानेर की सेना के विरुद्ध युद्ध में गोलाबारूद समाप्त हो जाने पर चांदी के गोले बनाकर तोपों से दागा गया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-84 : विजयदान देथा 'बिज्जी' राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। बिज्जी का जन्म 1926 ई. में जोधपुर जिले के बोरुन्दा गांव में हुआ। इनकी प्रसिद्ध रचनाएं बातां री फुलवारी, तीडोराव, अलेखूं, हिटलर, रूंख आदि हैं। बातां री फुलवारी को केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। वहीं इनकी कहानी दुविधा पर बनी हिन्दी फिल्म 'पहेली' ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामित हुई थी। बातां री फुलवारी को केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-85 : लांगूरिया करौली क्षेत्र की कुल देवी कैली देवी की आराधना में गाए जाने वाले गीत हैं। करौली क्षेत्र में शीतला माता के पूजन के साथ ही लांगूरिया पूजन होता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-86 : जसवंत थड़ा जोधपुर में स्थित है। इसे राजस्थान का ताजमहल कहा जाता है। संगमरमर इस इमारत का निर्माण जोधपुर नरेश जसवंत सिंह की स्मृति में महाराजा सरदार सिंह ने 1906 में करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-87 : बीकानेर नगर की स्थापना 1488 ई. में राठौड़ वंश के राव बीका ने की थी। ये राव जोधा के पुत्र थे।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-88 : महाराणा कुंभा 1433 ई. में मेवाड़ के महाराणा बने। ये हिन्दू सुरत्राण और अभिनव भरताचार्य के नाम से प्रसिद्ध हुए। जोधा ने अपनी पुत्री शृंगार देवी का विवाह कुंभा के पुत्र रायमल से करके मेवाड़-मारवाड़ मैत्री को पुन: स्थापित किया।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-89 : विजय स्तंभ का निर्माण चित्तौड़ में महाराणा कुंभा ने करवाया था। सारंगपुर के युद्ध (1437 ई.) में कुंभा ने महमूद खिलजी को हराया। इसी विजय के उपलक्ष्य में विजय स्तंभ का निर्माण करवाया गया।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-90 : लंगा गायिकी लंगा जाति के गायकों द्वारा मांगलिक अवसरों एवं उत्सवों पर गायी जाने वाली गायन शैली है। यह बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं जैसलमेर जिले पश्चिमी क्षेत्रों में प्रचलित है। इसके प्रमुख लंगा कलाकार फूसे खां, महरदीन लंगा, अल्लादीन लंगा, करीम खां लंगा हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-91 : मूसी रानी की छतरी अलवर के सिटी पैलेस के पिछवाड़े सागर किनारे पर बनी हुई है। इस छतरी का निर्माण महाराज विनय सिंह ने करवाया था। मूसी महारानी और तत्कालीन महाराज बख्तावर सिंह की स्मृति में 80 खंभों पर टिकी संगमरमर की यह छतरी बनाई गई थी।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-92 : सौ द्वीपों का शहर बांसवाड़ा को कहा जाता है। बांसवाड़ा की स्थापना महारावल जगमाल सिंह ने की थी। यह राजस्थान के दक्षिण में स्थित है। यह गुजरात और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा के निकट है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-93 : ढूंढाड़ी बोली जयपुर, टोंक, अजमेर, मेरवाड़ा का पूर्वी भाग व किशनगढ़ में बोली जाती है। इस बोली को जयपुर या झाड़शाही भी कहते हैं। ढूंढाड़ी का प्राचीनतम उल्लेख 18वीं सदी में लिखित पुस्तक आठ देश गुजरी में मिलता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-94 : मेवाड़ी राजस्थान की दूसरी महत्वपूर्ण बोली है। उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़, राजसमंद का क्षेत्र मेवाड़ क्षेत्र कहलाता है। इस क्षेत्र में बोली जाने के कारम यह मेवाड़ी कहलाती है। महाराणा कुंभा द्वारा रचित कुछ नाटक मेवाड़ी भाषा में हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-95 : सकराय माता (शाकम्भरी) का विशाल मंदिर उदयपुरवाटी (झुंझुनूं) में है। ये खण्डेलवाल वैश्यों की कुलदेवी हैं। सकराय माता को संस्कृत साहित्य में शंकरराय या शाकम्भरी कहा गया है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-96 : अचलगढ़ दुर्ग आबू (सिरोही) में स्थित है। इस किले को परमार शासकों ने बनवाया था। 1452 ई. में मेवाड़ के महाराणा कुंभा द्वारा पुनर्निर्मित करवाया गया। दुर्ग में स्थित अचलेश्वर महादेव का मंदिर, सावन-भादव तथा भंवराथल दर्शनीय स्थल हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-97 : कुचामन किला का निर्माण मेड़तिया शासक जालिमसिंह ने करवाया था। इसे 'जागीरी किलों का सिरमौर' कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-98 : अहिच्छत्रपुर दुर्ग नागौर किले का ही प्राचीन नाम है। चौहान राजा सोमेश्वर के सामंत कैमास ने 1154 ई. में इस किले का निर्माण करवाया था। इस किले से वीर अमरसिंह राठौड़ की अमर शौर्य की गाथाएं जुड़ी हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-99 : नौटंकी नामक लोक नाट्य का प्रचलन भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर इलाकों में अधिक है। माना जाता है कि राजस्थान में नौटंकी का प्रचलन डीग निवासी भूरीलाल ने किया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-100 : तमाशा शैली का प्रादुर्भाव आमेर के महाराजा मानसिंह प्रथम के समय 1594 में हुआ था। जयपुर के महाराज प्रतापसिंह ने अपने गुणीजन खाने में तमाशा शैली के प्रमुख कलाकार बंशीधर भट्ट को आश्रय दिया था। गोपीजी भट्ट, फूलजी भट्ट, मन्नजी भट्ट तथा वासुदेव भट्ट तमाशा के अच्छे कलाकार हैं।
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