राजस्थान सामान्य ज्ञान
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-61 : बणी-ठणी शैली किशनगढ़ की चित्रकारी शैली को कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-62 : भित्ति चित्र आमेर शैली की प्रमुख विशेषता रही है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-63 : वीर दुर्गादास राठौड़ का जन्म 13 अगस्त, 1638 को महाराजा जसवंत सिंह प्रथम के मंत्री आसकरण के यहां मारवाड़ के सालवा गांव में हुआ।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-64 : कुशाल माता का मंदिर बदनौर (भीलवाड़ा) में स्थित है। ये चामुण्डा का अवतार मानी जाती हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-65 : सुगाली माता आउवा के ठाकुर परिवार की कुल देवी हैं। इनकी प्रतिमा के दस सिर और चौपन (54) हाथ हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-66 : मानसिंह द्वितीय 1922 ई. को जयपुर की राजगद्दी पर बैठे। वे एकीकृत राजस्थान के एकमात्र व प्रथम राजप्रमुख थे।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-67 : मामादेव को बरसात का देवता कहा जाता है। इनकी मूर्ति मिट्टी या पत्थर की नहीं होती है। बल्कि गांव के बाहर प्रतिष्ठित लकड़ी का एक विशिष्ट व कलात्मक तोरण होता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-68 : बेलि क्रिसण रुक्मणि री एक श्रेष्ठ डिंगल काव्य है। इसमें शृंगार रस का वर्णन किया गया है। इसकी रचना पृथ्वीराज राठौड़ (पीथल) ने की थी।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-69 : चारबैत टोंक क्षेत्र में खेली जाने वाली लोक नाट्य शैली है। इस लोक नाट्य शैली को टोंक के नवाब फैजुल्ला खां के समय अब्दुल करीम खां एवं खलीफा विहंग खां ने प्रारंभ किया।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-70 : त्रिमुखी बावड़ी का निर्माण डूंगरपुर जिले में मेवाड़ के महाराणा राजसिंह की रानी रामरसदे ने करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-71 : हवामहल का निर्माण जयपुर के शासक सवाई प्रताप सिंह ने 1799 ई. में करवाया था। इस पांच मंजिला महल में अनेक जालियां, झरोखे और खिड़कियां बनी हुई हैं। इसी कारण इसे हवामहल कहते हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-72 : मेहरानगढ़ दुर्ग को म्यूरध्वजगढ़, मोरध्वजगढ़ भी कहते हैं। जोधपुर में चिडिय़ाटूंक पहाड़ी पर स्थित मयूराकृति के इस दुर्ग का निर्माण 1459 ई. में राव जोधा ने करवाया था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-73 : शीशफूल, रखड़ी, फीणी, सांकली, तावित, बोर, टिकड़ा, मेमंद स्त्रियों के सिर पर पहनने वाले आभूषण हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-74 : गजरा, गौखरू, चूडिय़ां, कड़ा, चूड़ा, हथफूल, बंगड़ी, कांकनी, पूंचियो, नौगरी स्त्रियों के कलाई पर पहने जाने वाले आभूषण हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-75 : पंचकूट की सब्जी राजस्थान के लोगों की पसंदीदा सब्जी है, जिसे पांच सूखे फल व सब्जियों को मिलाकर बनाते हैं। ये पांचों निम्न हैं- 1. कूमट के बीज, 2. कैर, 3. सांगरी, 4. काचरी, 5. गूंदा के फल।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-76 : बीकानेर की स्थापना 1488 ई. में राव बीकाजी ने की थी। बीकानेर रियासत जांगल प्रदेश के नाम से जानी जाती थी। इसे राती घाटी भी कहते हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-77 : महाराणा कुंभा ने मालवा (मांडू) के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय के उपलक्ष्य में 9 मंजिला विजय स्तम्भ बनाया था। विजय स्तम्भ को भारतीय मूर्तिकला का विश्व कोष भी कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-78 : दौसा ढूंढाड़़ रज्य के कच्छवाहा राजाओं की प्रथम राजधानी थी।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-79 : मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दौसा जिले के सिकंदरा महुवा के बीच स्थित है। यह मंदिर दो पहाडिय़ों की घाटी में स्थित होने के कारण इसे घाट मेहंदीपुर भी कहते हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-80 : गवरी या राई राजस्थान के उदयपुर, डूंगरपुर तथा बांसवाड़ा क्षेत्र में बसे भीलों का प्रसिद्ध लोक नाट्य है। गवरी का मुख्य आधार भगवान शिव तथा भस्मासुर की कथा है।
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