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Friday, August 13, 2021

राजस्थान सामान्य ज्ञान-19

राजस्थान के इतिहास, भूगोल और संस्कृति आदि विषयों से संबंधित सामान्य ज्ञान फैक्ट

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-361. युद्ध नृत्य : उदयपुर के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में भीलों के दो दलों द्वारा तीर कमान, भाले, बरछी और तलवारों के साथ तालबद्ध युद्ध नृत्य किया जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-362. होप सर्कस 1939-40 ई. में वायसराय लॉर्ड लिन लिथगो के अलवर आगमन पर उनकी पुत्री मिस होप के नाम पर बनाया गया। वर्तमान में इसे अलवर शहर के हृदय स्थल की उपमा दी जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-363. सरस्वती कण्ठाभरण पाठशाला जालौर के किले में परमार राजा भोज द्वारा बनाई गई संस्कृत पाठशाला है जो सरस्वती कण्ठाभरण पाठशाला के नाम से प्रसिद्ध है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-364. सारणेश्वर महादेव : यह भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना सिरोही से लगभग तीन किलोमीटर दूर सिरणवा पहाडिय़ों में दूधिया तालाब के पास 15वीं शताब्दी में की गई थी।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-365. ब्रह्मगुप्त : प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक ब्रह्मगुप्त जालौर जिले के भीनमाल के रहने वाले थे। इन्होंने ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त की रचना की थी। भीनमाल का होने के कारण ही इन्हें कुछ जगह 'भिल्लमालाआचार्य' के नाम से संबोधित किया गया है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-366. माणिक्यलाल वर्मा 1948 में संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री बने। इनका जन्म 4 दिसंबर 1897 बिजौलिया भीलवाड़ा में हुआ था। माणिक्यलाल वर्मा को समाज सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1965 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-367. भैंसरोडगढ़ अभयाण्रय : सन् 1983 में चित्तौडगढ़़ जिले में 230 वर्ग किमी क्षेत्र में भैंसरोडगढ़ अभयाण्रय की स्थापना की गई थी। यह घडिय़ालों के लिए प्रसिद्ध है। बामणी नदी इस अभयारण्य में से गुजरती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-368. कैलादेवी अभयारण्य करौली जिले में 1983 में स्थापित किया गया था। यह अभयारण्य  लगभग 67 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है। इसमें धोकड़ा के वनों की प्रमुखता है। यह अभयारण्य बघेरा, रीछ, जरख, सांभर एवं चीतल का निवास है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-369. आहड़ सभ्यता (उदयपुर) में तांबा गलाने की भट्टियां व औजार मिले हैं। इस सभ्यता की खुदाई में बिना हत्थे के छोटे जल पात्र मिले हैं, जो ईरान से संबंधित हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-370. दिवेर का युद्ध : अजमेर-मेवाड़ मार्ग में स्थित चौकी दिवेर पर सुल्तान खां के नेतृत्व में मुगल सेना का कब्जा था। इस पर 1582 ई. में महाराणा प्रताप के नेतृत्व में मेवाड़ी सरदारों ने धावा बोल दिया। सुल्तान खां को हराकर कब्जा कर लिया।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-371. मिर्जा राजा जयङ्क्षसह : जयपुर के कच्छवाहा वंश में मिर्जा राजा जयसिंह प्रथम ने सर्वाधिक अवधि (46 वर्ष) तक शासन किया। इन्हें 1638 ई. में मिर्जा राजा की उपाधि मुगल शासक शाहजहां ने दी थी।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-372. मेहाजी का प्रमुख थान जोधपुर जिले के बापणी गांव में है। यहां पर प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी (जन्माष्टमी) को मेला भरता है। मेहाजी के प्रिय घोड़े का नाम किरड़ काबरा था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-373. मालवी बोली में मारवाड़ी व ढूंढाड़ी दोनों बोलियों का मिश्रण पाया जाता है। यह बोली झालावाड़, प्रतापगढ़ व कोटा के कुछ मध्य प्रदेश से लगते क्षेत्र में बोली जाती है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-374. मांड गायिकी : 10वीं शताब्दी में जैसलमेर क्षेत्र 'मांड' कहलाता है। यहां फली-फूली गायकी 'मांड गायकी' कहलाती है। प्रमुख मांड गायिकाओं में स्व. गवरी देवी (बीकानेर), स्व. हाजन अल्लाह जिलाह बाई (बीकानेर), गवरी देवी (पाली), मांगी बाई (उदयपुर), श्रीमती जमीला बानो (जोधपुर), श्रीमती बन्नो बेगम (जयपुर) हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-375. रणकपुर तीर्थ : उदयपुर के महाराणा कुंभा के शासनकाल में उनके मंत्री धरणशाह ने शिल्पी देपा से 1439 में रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर 1444 खंभों पर खड़ा है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-376. राजसमंद झील : उदयपुर के महाराणा राजसिंह द्वारा 1662 ई. में इस झील का निर्माण करवाया था। इस झील का निर्माण गोमती नदी को दो पहाडिय़ों के बीच में रोककर किया गया है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-377. रामेश्वरम घाट सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। यह त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां तीन प्रमुख नदियां चंबल, बनास और सीप आकर मिलती हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-378. फतेहसागर झील का शिलान्यास तत्कालीन ड्यूक ऑफ कनॉट ने किया था, इसलिए इसे कनॉट बांध भी कहते हैं। इस झील का निर्माण उदयपुर नगर के उत्तर-पश्चिम में पर्वतमालाओं के बीच महाराणा फतेहसिंह ने करवाया।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-379. विजय सिंह पथिक का मूल नाम भूप सिंह गुर्जर था। उनका जन्म 27 फरवरी, 1882 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के ग्राम गुठावली कलां के एक गुर्जर परिवार में हुआ था। 1915 के लाहौर षड्यंत्र के बाद उन्होंने अपना असली नाम भूपसिंह गुर्जर से बदल कर विजयसिंह पथिक रख लिया था। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-380. बूंदी प्रजामंडल : सन् 1931 में कांतिलाल चौथाणी की अध्यक्षता में बूंदी प्रजामंडल की स्थापना की गई। ऋषि दत्त मेहता ,नित्यानंद नगर, गोपाल कोटिया, गोपाल लाल जोशी मोतीलाल अग्रवाल, पूनमचंद आदि बूंदी प्रजामंडल के प्रमुख सक्रिय कार्यकर्ता थे।

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