आरपीएससी द्वारा राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं के लिए आयोजित परीक्षाओं
में पूछे गए राजस्थान सामान्य ज्ञान (Rajasthan General Knowledge) से
जुड़े प्रश्न-उत्तर
1. सर्वाधिक मात्रा में शुष्क-कृषि अत्यन्तता (तीव्रता) वाले जिले हैं-
(अ) जैसलमेर, बाड़मेर
(ब) डूंगरपुर, बांसवाड़ा
(स) भीलवाड़ा, गंगानगर
(द) अजमेर, पाली
उत्तर - (अ)
[शुष्क (सूखे) क्षेत्रों में बरसात जल का योजनाबद्ध तरीके से संरक्षण व उपयोग कर कम पानी की जरूरत वाली व जल्दी पकने वाली फसलों की कृषि करना, शुष्क खेती कहलाता है। मरुस्थलीय जिलों में पानी का अभाव होने के कारण शुष्क कृषि की जाती है। यहां ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे मोटे अनाजों व दालों की कृषि की जाती है। शुष्क कृषि का मूल आधार वर्षा होती है। राज्य के पश्चिमी भाग में वर्षा 50 से.मी. से कम होती है, इसलिए वहां इस प्रकार की खेती की जाती है।]
2. श्री अजयपाल संस्थापक थे-
(अ) अलवर के
(ब) भरतपुर के
(स) अजमेर के
(द) चित्तौडगढ़़ के
उत्तर - (स)
[मालवा के परमारों व तुर्की आक्रमणकारियों की बढ़ती गतिविधियों के कारण सुरक्षित राजधानी के लिए चौहान शासक अजयपाल ने 1113 ई. में अजयमेरू नगर बसाया, जो पहाडिय़ों से घिरा हुआ है। बाद में इसे अजमेर कहा जाने लगा। अजमेर को 'राजस्थान का हृदय' भी कहा जाता है।]
3. माही-बजाज सागर परियोजना का फैलाव निम्नांकित क्षेत्र में है-
(अ) केवल राजस्थान
(ब) राजस्थान व गुजरात
(स) राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र
(द) राजस्थान व मध्य प्रदेश
उत्तर - (ब)
4. पशुपालन विभाग, राजस्थान सरकार के नस्ल सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत ली गई, झकराना, सिरोही एवं मारवाड़ी नस्लें, संबंधित हैं -
(अ) गायों से
(ब) ऊंटों से
(स) बकरियों से
(द) भेड़ों से
उत्तर - (स)
[राजस्थान बकरीपालन में देश में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में मारवाड़ी, लोही, बारबरी, जखराना, सिरोही, शेखावाटी, परबतसरी, जमनापरी आदि प्रमुख बकरी नस्लें पाई जाती हैं।]
5. किस राजपूत शासक ने मुगलों के विरुद्ध निरंतर स्वतंत्रता का संघर्ष जारी रखा और समर्पण नहीं किया?
(अ) बीकानेर के राजा रायसिंह
(ब) मारवाड़ के राव चन्द्रसेन
(स) आमेर के राजा भारमल
(द) मेवाड़ के महाराजा अमरसिंह
उत्तर - (ब)
[मारवाड़ के शासक राव चन्द्रसेन (1562-1581) ने अकबर के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा और अधीनता स्वीकार नहीं की। राव चन्द्रसेन को 'मारवाड़ का प्रताप', 'प्रताप का अग्रगामी' तथा 'मारवाड़ का भूला-भटका शासक' भी कहा जाता है। राव चन्द्रसेन अपने जीवनकाल में मुगलों से छापामार युद्ध पद्धति से लड़ते रहे।]
6. निम्नलिखित में से कौनसा स्थल राजस्थान में 1857 की क्रान्ति का केन्द्र नहीं था?
(अ) अजमेर
(ब) जयपुर
(स) नीमच
(द) आऊवा
उत्तर - (ब)
[जयपुर 1857 की क्रांति का प्रमुख केंद्र नहीं था। राजस्थान में इस क्रांति का सूत्रपात 28 मई, 1857 को नसीराबाद (अजमेर) में हुआ। नीमच में 3 जून, 1857 को विद्रोह भड़क उठा। आऊवा के ठाकुर कुशालसिंह चम्पावत के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने बिथौड़ा व आऊवा के युद्धों में अंग्रेजी सेना को हराया। आऊवा में जोधपुर के पॉलिटिकल एजेंट मैक मॉसन का सिर धड़ से अलग कर दिया गया।]
7. हाड़ौती-पठार की मिट्टी है-
(अ) कछारी (जालौढ़)
(ब) लाल
(स) भूरी
(द) मध्यम काली
उत्तर - (द)
[मुख्यत: झालावाड़, कोटा, बूंदी व बारां जिलों (हाड़ौती क्षेत्र) में मध्यम काली मिट्टी पाई जाती है। गहरे भूरे मटियार व दोमट के रूप में मिलने वाली यह मिट्टी कृषि के लिए उपयुक्त है। इसमें आयरन, जिंक, मैगनीज, कैल्सियम व पोटाश की पर्याप्त मात्रा होती है।]
8. केन्द्रीय ऊंट प्रजनन केन्द्र स्थित है-
(अ) कोलायत
(ब) जोरबीर (जोहरबीड़)
(स) सूरतगढ़
(द) रामगढ़
उत्तर - (ब)
[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा संचालित राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र, जोड़बीड़ या जोरबीर (बीकानेर) की स्थापना 5 जुलाई, 1984 को हुई। इस अनुसंधान केंद्र में ऊंटों की बेहतर देखभाल, प्रजनन व उनमें होने वाले रोगों के उपचार के लिए अनुसंधान कार्य किए जाते हैं। जैसलमेर के नाचना के ऊंट दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। गोमठ के ऊंट सवारी के लिए प्रसिद्ध हैं।]
9. भक्ति रस कवयित्री मीराबाई थी-
(अ) एक राजपूत कुलीन नारी, जिसने कभी विवाह नहीं किया
(ब) गुजराती शाही परिवार से सम्बन्धित, निजका विवाह राजपूत से हुआ
(स) मध्य प्रदेश के एक पुजारी की पुत्री
(द) एक राजपूत शासक की पत्नी
उत्तर - (द)
[भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त मीरा बाई का जन्म 1498 में मेड़ता (नागौर) के पास कुड़की नामक गांव में हुआ। इनके पिता रतन सिंह और दादा राव दूदा थे। मीरा का विवाह मेवाड़ के महाराणा सांगा के पुत्र भोजराज से हुआ। विवाह के कुछ समय पश्चात् ही भोजराज की मृत्यु हो गई। मीराबाई कृष्ण भक्ति में लीन रहती थी। गुजरात के डाकोर स्थित रणछोड़ मंदिर में श्रीकृष्ण प्रतिमा में मीराबाई विलीन हो गई थीं। मीरा द्वारा रचित पदावलियां प्रसिद्ध हैं।]
10. निम्नांकित में से कौनसा जोड़ा सुमेलित है?
(अ) बादला (पानी की बोतल)-जयपुर
(ब) मसूरिया साड़ी-कोटा
(स) नमदा-जोधपुर
(द) संगमरमर पर नक्काशी-टोंक
उत्तर - (ब)
[कोटा की मसूरिया साड़ी प्रसिद्ध है। बादले जिंक से बनी पानी की बोतलें होती हैं, जिनमें लम्बे समय तक पानी ठण्डा रहता है। जोधपुर के बादले प्रसिद्ध हैं। ऊन को कूट-कूटकर उसे जमा कर जो वस्त्र बनाए जाते हैं, उन्हें नमदा कहते हैं। टोंक के नमदे विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।]
11. राजस्थान के किस जिले में राज्य सरकार सबसे अधिक पशु मेलों का आयोजन करती है?
(अ) बाड़मेर
(ब) बीकानेर
(स) अजमेर
(द) नागौर
उत्तर - (द)
12. राजस्थान में गुरु शिखर की चोटी की ऊंचाई कितनी है?
(अ) 1722 मीटर
(ब) 1724 मीटर
(स) 1750 मीटर
(द) 1780 मीटर
उत्तर - (अ)
[सिरोही जिले माउण्ट आबू में स्थित राज्य की सर्वाधिक ऊंची पर्वत चोटी 'गुरु शिखर' (1722 मी.) है। यह अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है। अरावली की कुल लम्बाई 692 किमी है, जो पालनपुर (गुजरात) से दिल्ली तक विस्तृत है। राजस्थान में इसकी लम्बाई 550 किमी है।]
13. अभिलेखों के आधार पर राजस्थान के 8वीं से 12वीं शताब्दी के मध्य किस देव की सर्वोच्च रूप में पूजा की जाती थी?
(अ) शिव
(ब) विष्णु
(स) ब्रह्मा
(द) सूर्य
उत्तर - (अ)
[राजपूताना में आठवीं से बारहवीं शताब्दी के मध्य ब्राह्मण व जैन धर्म अत्यधिक लोकप्रिय थे। इस काल में मुख्यत: विष्णु, शिव, सूर्य, दुर्गा आदि देवी-देवताओं की उपासना होती थी।]
14. प्रसिद्ध मीनाकारी 'थेवा कला' का सम्बन्ध है-
(अ) बीकानेर से
(ब) जयपुर
(स) बांसवाड़ा से
(द) प्रतापगढ़ से
उत्तर - (द)
[प्रतापगढ़ थेवा कला के लिए प्रसिद्ध है। यहां का राजसोनी परिवार कांच पर सोने का सूक्ष्म चित्रांकन करता है। इसके लिए बेल्जियम का रंगीन कांच काम में लिया जाता है। थेवा कला के जन्मदाता नाथूजी सोनी थे। 400 वर्षों से यह परिवार इस कला का पोषण कर रहा है।]
15. वह कौनसे लोक देवता हैं, जिनकी आराधना इसलिए की जाती है क्योंकि उन्होंने गुजरों की गायों को मेरों से छुड़वाने हेतु अपने जीवन की आहूति दी-
(अ) गोगाजी
(ब) तेजाजी
(स) पाबूजी
(द) मल्लीनाथजी
उत्तर - (ब)
[लोक देवता तेजाजी को 'गायों के मुक्तिदाता', 'नागों के देवता', 'काला और बाला के देवता' तथा 'कृषि कार्यों के उपकारक देवता' के रूप में जाना जाता है। तेजाजी का जन्म नागौर के खडऩाल नागौर में माघ शुक्ल चतुर्दशी को हुआ था। तेजाजी के पुजारी को 'घोड़ला' एवं चबूतरे को 'थान' कहा जाता है। इनको मूर्तियों में तलवारधारी अश्वारोही योद्धा के रूप में अंकित किया जाता है। इनकी घोड़ी का नाम लीलण था। तेजाजी लाछा गूजरी की गायों को मेरों से छुड़वाते हुए सुरसरा (अजमेर) में वीरगति को प्राप्त हुए। भाद्रपद शुक्ल दशमी को नागौर जिले के परबतसर में वीर तेजा पशु मेला लगता है।]
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राजस्थान सामान्य ज्ञान-14
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