https://cdnjs.cloudflare.com/ajax/libs/font-awesome/4.7.0/css/font-awesome.min.css

Friday, August 6, 2021

राजस्थान सामान्य ज्ञान-16

राजस्थान के इतिहास, संस्कृति आदि विषयों से संबंधित सामान्य ज्ञान फैक्ट

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-301. क्वीन मेरी जनाना घाट : प्रसिद्ध तीर्थ पुष्कर (अजमेर) में क्वीन मेरी जनाना घाट है। इसका निर्माण सन् 1911 ई. में इंग्लैंड की महारानी मेरी क्वीन की यात्रा की याद में करवाया गया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-302. सिलीसेढ़ झील अलवर से लगभग 13 किलोमीटर दूर है। चारों ओर से अरावली पर्वतमालाओं से घिरी सिलीसेढ़ झील लगभग 10 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली है। इस झील के किनारे 1845 में महाराज विनय सिंह ने अपनी रानी शीला के लिए एक शाही शिकारगाह व छह मंजिला सुन्दर महल बनवाया था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-303. सांगरी : खेजड़ी की फली को सांगरी कहते हैं। शेखावाटी क्षेत्र में खेजड़ी के वृक्ष को जांटी कहते हैं और संस्कृत में शमी कहा जाता है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-304. रोहिड़ा के वृक्ष को राजस्थान की मरुशोभा, मरुस्थल का सागवान, मारवाड़ टीक उपनामों से भी जाना जाता है। रोहिड़ा का वैज्ञानिक नाम टिकोमेला अण्डलेटा है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-305. आदिवासियों का हरा सोना बांस को कहा जाता है। यह उदयपुर, चितौडगढ़़, आबू पर्वत, बारां में पाया जाता है। इससे घरेलू सामान यथा टोकरी, चटाई, चारपाई इत्यादि बनाई जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-306. रबी की फसल अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती हैं और मार्च-अप्रेल में काट ली जाती हैं। इसमें सर्वाधिक गेहूं व सरसों की खेती की जाती है। इसके अलावा जौ, चना, मसूर, मटर, अलसी, तारामीरा, सूरजमुखी, धनिया, मेथी, जीरा आदि की खेती भी की जाती है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-307. पांचना परियोजना मुख्यत: सिंचाई के लिए शुरू की गई। इस परियोजना से करौली जिलों की टोडाभीम, नादौती, हिण्डौन तथा सवाई माधोपुर में गंगापुर तहसील में सिंचाई सुविधा मुहैया करवाई गई है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-308. नाड़ी : सामान्यतया नाड़ी का निर्माण पश्चिमी राजस्थान में किया जाता है। यह एक प्रकार का पोखर है, जिसमें वर्षा का जल संचित किया जाता है। कच्ची नाड़ी के विकास से भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होती है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-309. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के सूरतगढ़ से 19 फरवरी, 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। कृषकों को खेती में नए और वैज्ञानिक ढंग से काम करने के तरीकों की जानकारी के लिए इस योजना की शुरुआत की गई।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-310. काठियावाड़ी अश्व (घोड़ा) की एक अच्छी नस्ल है। यह नस्ल गुजरात से सटे राजस्थान के भागों में पाई जाती है। काठियावाड़ी नस्ल घुड़सवारी के लिए सबसे अच्छी नस्ल मानी जाती है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-311. रैढ़, निवाई (टोंक) : यहां गुप्तकालीन सभ्यता तक के अवशेष मिले हैं। यह प्राचीन भारत का टाटा नगर कहलाता है। यहां उत्खनन में लौह अयस्क का विशाल भंडार प्राप्त हुआ है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-312. बत्तीस खंभों वाली छतरी : यह छतरी मांडल, भीलवाड़ा में है। इस छतरी का निर्माण आमेर के जगन्नाथ कछवाहा की स्मृति में शाहजहां द्वारा करवाया गया था। जगन्नाथ कछावाह का मांडल में मेवाड़ सेना के विरुद्ध युद्ध में निधन हो गया था। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-313. भूरिया बाबा का मंदिर पाली जिले में नाणा स्टेशन के निकट पोसालिया गांव में (सिरोही) जवाई नदी के किनारे स्थित है। राजस्थान के दक्षिणी-पश्चिमी गोडवाड़ अंचल में मीणा जनजाति के आराध्य देवता गौतम ऋषि या गौतमेश्वर को भूरिया बाबा के नाम से भी जाना जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-314. मल्लीनाथ जी का प्रमुख मंदिर बाड़मेर जिले में बालोतरा के निकट तिलवाड़ा गांव में स्थित है। मल्लीनाथ जी का जन्म-1358 ई. में हुआ। ये मारवाड़ के शासक राव तीड़ाजी के पुत्र थे। इनकी माता का नाम जाणी दे था।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-315. श्रावक प्रतिक्रमण चूर्णि उदयपुर शैली का पहला उपलब्ध चित्र है। मेवाड़ में सबसे पहले चित्रकाल का विकास महाराणा अमरसिंह के समय मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी चावण्ड में हुआ।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-316. मलीर प्रिंट : बाड़मेर जिले की मलीर प्रिंट प्रसिद्ध है। इस कला में कत्थई एवं काले रंग से छपाई की जाती है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-317. घोटिया अंबा मेला : चैत्र अमावस्या को बारीगाम, बांसवाड़ा में भरने वाला घोटिया अंबा मेला एकमात्र ऐसा मेला है जो विक्रम संवत वर्ष की समाप्ति और नव वर्ष के आगमन का साक्षी है। राजस्थान, गुजरात और मालवा के आदिवासियों में इसके  प्रति गहरी आस्था है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-318. गैर नृत्य भील समाज का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। यह नृत्य मुख्यत: फाल्गुन मास में भील पुरुषों द्वारा  किया जाता है। 

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-319. पुंसवन संस्कार : पुत्र प्राप्ति हेतु किया गया संस्कार 'पुंसवन संस्कार' कहलाता है। गर्भधारण के पांचवें महीना पूरा होने पर यह पूजा की जाती है, इसे पंचमासी भी कहा जाता है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-320. बाल विवाह प्रथा : सन् 1885 ई. में जोधपुर रियासत के प्रधानमंत्री सर प्रतापसिंह के प्रयास से बाल विवाह प्रथा पर रोक लगी। इसी क्रम में अजमेर के प्रसिद्ध समाजसेवी हरविलास शारदा के प्रयासों से 1929 में शारदा एक्ट पारित हुआ।

आरपीएससी सामान्य ज्ञान प्रश्न - 10

राजस्थान सामान्य ज्ञान-14

आरपीएससी सामान्य ज्ञान प्रश्न - 11

आरपीएससी सामान्य ज्ञान प्रश्न - 12 

राजस्थान सामान्य ज्ञान-15

 

 

No comments:

Post a Comment