राजस्थान सामान्य ज्ञान - 7
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-121. ख्यात राजस्थानी लोक साहित्य के लेखन की एक महत्वपूर्ण विधि है। राजपूत शासकों ने अपनी वंशावली एवं जीवनी के चित्रण हेतु ख्यात की रचना करवाई । यानी ख्यात इतिहास संबंधी साहित्य है। इन्हें ऐतिहासिक दस्तावेज माना जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-122. बैराठ (विराट नगर) प्राचीन काल में मत्स्य जनपद, मत्स्य क्षेत्र एवं मत्स्य प्रदेश के नाम से जाना जाता था। यह राजस्थान के उत्तर-पूर्व में जयपुर जिले में स्थित है। यहां 1936 ई. में दयाराम साहनी के नेतृत्व में उत्खनन कार्य हुआ। गणेश डूंगरी, बीजक डूंगरी व भीम डूंगरी से मौर्य काली सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-123. मेहरानगढ़ दुर्ग जोधपुर में स्थित है। इस दुर्ग का निर्माण राव जोधा द्वारा 1459 ई. में चिडिय़ाटूंक पहाड़ी पर करवाया गया है। इस दुर्ग को मयूरध्वज के नाम से भी जाना जाता है। किले में चामुण्डा देवी का मंदिर है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-124. कोटा को राजस्थान का कानपुर और शैक्षिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है। कोटा का नाम कोटिया भील के नाम पर पड़ा है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-125. गणेश्वर सीकर जिले के नीमकाथाना में स्थित है। यहां कान्तली नदी के किनारे ताम्रयुगीन सभ्यता (2800 ई.पू.) के अवशेष मिले हैं। इस सभ्यता को भारत की ताम्रयुगीन सभ्यता की जननी कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-126. रंगमहल (हनुमानगढ़) में मिली सभ्यता का काल ई.पू. प्रथम शताब्दी से 300 ई. के आसपास है। डॉ. हन्नारिड के निर्देशन में एक स्वीडिश एक्सपीडिशन दल द्वारा 1952-54 ई. में उत्खनन कार्य में कुषाणकालीन एवं गुप्तकालीन सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-127. कच्छावाह वंश के राज्य की सर्वप्रथम स्थापना (1137 ई.) ढूंढाड़ (जयपुर) के मीणों को हराकर दूलहराय ने की। दूलहराय नरवर (मध्य प्रदेश) के शासक सोढ़ासिंह के पुत्र थे।कच्छावाह वंश के शासक स्वयं को भगवान रामचन्द्र के पुत्र कुश के वंशज मानते हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-128. आईमाता को नवदुर्गा का अवतार माना जाता है। आईमाता राजस्थान के सीरवी किसानों की कुलदेवी हैं। जोधपुर के बिलाड़ा में आईमाता का मंदिर है। इनके मंदिर को बडेर, थान व दरगाह कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-129. जाबालिपुर जालौर का प्राचीन नाम है। महर्षि जाबालि की तपोभूमि होने के कारण इसे जाबालिपुर कहा जाता था। जालौर को ग्रेनाइट सिटी भी कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-130. कालीबंगा (हनुमानगढ़) प्राचीन सरस्वती (घग्घर) नदी के किनारे बसी राजस्थान की सबसे प्राचीन सभ्यता है। इस सभ्यता की सर्वप्रथम खोज 1952 ई. में अमलानंद घोष ने की थी।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-131. मुहणोत नैणसी को मुंशी देवीप्रसाद ने 'राजपूताने का अबुल फजलÓ कहा है। नैणसी का जन्म जोधपुर वि.सं. 1667 में हुआ। मुता नैणरी सी ख्यात, मारवाड़ परगना री विगत इनकी प्रमुख रचनाएं हैं। मारवाड़ परगना री विगत को 'राजपूताने का गजेटियर' कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-132. जैसलमेर को हवेलियों व झरोखों की नगरी कहा जाता है। यहां की प्रमुख हवेलियों में सालिमसिंह की हवेली, पटवों की हवेली शामिल है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-133. गागरोन का किला काली सिंध और आहू नदियों के संगम पर बना हुआ है। यह किला बिना किसी नींव के सीधी चट्टानों पर खड़ा किया गया है। इस किले को जल दुर्ग कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-134. पंच पीर मारवाड़ अंचल में पांचों लोक देवताओं रामदेवजी, गोगाजी, पाबूजी, हडबूजी, मांगलिया मेहा जी को पंच पीर कहा जाता है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-135. बयाना भरतपुर जिले में स्थित है। इस नगर को शोणितपुर तथा इसके निकट पर्वतीय अंचल को शोणितगिर कहा गया है। बयाना दुर्ग का निर्माण 1040 ई. में विजयपाल ने कराया था। इस किले में भीमलाट नाम का एक विशाल यज्ञ स्तम्भ है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-136. खानवा भरतपुर की रूपवास तहसील में स्थित है। खानवा गंभीर नदी के तट पर है। सन् 1527 में बाबर और महाराणा सांगा के मध्य खानवा का युद्ध हुआ था।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-137. जंतर-मंतर खगोलीय वेधशाला राजधानी जयपुर में स्थित है। इसका निर्माण सन् 1734 ई. में सवाई जयसिंह द्वारा करवाया गया। यह सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित पांच वेधशालाओं में सबसे बड़ी है। चार अन्य वेधशालाएं- दिल्ली, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा में हैं।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-138. घग्घर नदी को सरस्वती, दृषदृती, मृत नदी के नाम से भी जाना जाता है। नदी शिवालिक श्रेणी में कालका (हिमाचल) से निकलकर पंजाब एवं हरियाणा राज्यों में बहते हुए टिब्बी (हनुमानगढ़) के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। सामान्यत: यह नदी भटनेर (हनुमानगढ़) के समीप ही विलीन हो जाती है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-139. लूणी नदी अरबसागरीय अपवाह तंत्र के अंतर्गत आती है। लूणी नदी को मरु की आशा, लवणवती, लवणी नाम से भी जाना जाता है। इस नदी का उद्गम अजमेर की नाग पहाडिय़ों से होता है और कच्छ के रन में इसका अंत स्थान है।
राजस्थान सामान्य ज्ञान फैक्ट-140. नक्की झील सिरोही जिले में आबू पर्वत पर स्थित है। राजस्थान की सर्वाधिक ऊंचाई (1300 मी.) पर स्थित झील है। भूगोलवेत्ताओं के अनुसार यह एक ज्वालामुखी क्रेटर झील है।
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